अवैध बांग्लादेशी बताकर तोड़ी झोपड़ियां, निकले सभी इंडियन
बेंगलुरु। हाल ही में बीजेपी विधायक अरविंद लिंबावल्ली के उत्तरी बेंगलुरु के करियम्माना अग्रहारा इलाके की झुग्गियों का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया था। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि ये झुग्गियां बांग्लादेशी प्रवासियों की हैं। रविवार को इन बस्तियों को तोड़ दिया गया। जिसके चलते हजारों लोगों को बेघर हो गए। इस कार्रवाई से पहले इलाके में पानी और बिजली की सप्लाई तीन दिन पहले ही काट दी गई थी।
न्यूज 18 में खबर के मुताबिक, झुग्गियों को गिराए जाने के बाद, निवासियों ने, जिनमें से ज्यादातर असम, त्रिपुरा और यहां तक कि कुछ जो उत्तरी कर्नाटक से ही हैं उनसे कथित तौर पर जमीन खाली करने को कहा गया है। वहीं बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ने घटना पर जारी अपने बयान में कहा है कि इन झुग्गियों को अवैध तरीके से गैरकानूनी बांग्लादेशी प्रवासियों ने बनाया था। जिन्होंने इस इलाके को एक मलिन बस्ती में बदल दिया था। इसके चलते आस-पड़ोस के इलाकों की हालत खराब हो रही थी। इस चीज को लेकर म्युनिसिपालिटी के पास बहुत शिकायतें आ रही थीं।
इससे पहले 11 जनवरी को बेंगलुरु पुलिस ने एक सर्वे नं 35/2 के मालिक को नोटिस दिया गया था कि इस जमीन पर जो झुग्गियां बनाई गई हैं, वह प्रशासन की अनुमति के बनाई गईं हैं। पुलिस ने दावा किया कि इन झुग्गियों में गैरकानूनी बांग्लादेशी प्रवासी रहते हैं और नोटिस में मालिक से अतिक्रमण हटाने और इसमे रहने वालों के विवरण स्पष्ट करने के लिए कहा गया था। हालांकि झुग्गियों को तोड़े जाने के बाद इसमें रहने वाले इस सारे ही लोगों के पास वैध पहचान पत्र निकले।
वहीं डीसीपी व्हाइटफील्ड एनएन अनुचेथ ने कहा, हमने किसी से भी जाने को नहीं कहा है। हमने सिर्फ वहां के मालिक से रहने वालों की जानकारियां देने के लिए कहा है। यह तब भी है जब हमने अक्टूबर, 2018 में उत्तरी बेंगलुरु के पास से 60 बांग्लादेशी गैरकानूनी प्रवासियों पकड़ा गया था।
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