गरीब बच्चों को 4 साल तक मुफ्त में पढ़ाता रहा IIT रुड़की का ये छात्र, राष्ट्रपति से मिला गोल्ड मेडल
देहरादून। उत्तराखंड के रुड़की में गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने वाले आईआईटी रुड़की के एक छात्र अनंत वशिष्ठ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया। अनंत को ये गोल्ड मेडल यूथ लीडरशिप के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला है। अनंत रुड़की के पास ही एक गांव के वंचित छात्रों को मुफ्त में पढ़ाया करते थे। राष्ट्रपति ने अनंत को 19वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के दौरान गोल्ड मेडल से सम्मानित किया।
गरीब बच्चों को 4 साल तक मुफ्त में पढ़ाते रहे अनंत
दीक्षांत समारोह के दौरान 8 अन्य छात्रों को भी सम्मानित किया गया। अनंत इस समय गुरुग्राम में मास्टर कार्ड में काम कर रहे हैं। अनंत ने कहा कि उन्होंने अपने नामांकन के बाद 2015 में कॉलेज के निकट कालियार गांव के गरीब बच्चों के लिए मुफ्त में कक्षाएं लेना शुरू किया था। उन्होंने अपने दोस्तों के एक ग्रुप के साथ हर शनिवार और रविवार लगातार चार साल तक क्लासेज ली।
शुरू में गांव के लोगों को समझाना बहुत था- अनंत
वशिष्ठ ने बताया कि शुरुआत में गांव वाले पढ़ने के लिए अपने बच्चों को भेजने से डरते थे। लेकिन धीरे-धीरे उनका विश्वास बढ़ा और 5 बच्चों से शुरू हुए क्लास में 15-20 बच्चे आने लगे। वे बताते हैं कि चार साल तक बच्चों को पढ़ाना काफी मजेदार रहा। उन्होंने बताया कि एक तंबू, ब्लैकबोर्ड, चॉक और कुछ कुर्सियों की व्यवस्था करने के बाद बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। वह कॉलेज से लगभग 8 किमी दूर स्थित गांव में बच्चों को पढ़ाने जाते थे।
राष्ट्रपति ने गोल्ड मेडल से सम्मानित किया
वशिष्ठ कहते हैं कि गांव के लोगों को समझाना चुनौतीपूर्ण कार्य था कि वे अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए हमारे पास भेजें, क्योंकि वे किसी बाहरी व्यक्ति पर विश्वास नहीं करते थे। हालांकि, धीरे-धीरे उनको मेरे इरादे के बारे में बता चला और तो बच्चों को भेजना शुरू कर दिया। अपने भविष्य की योजना के बारे में अनंत कहते हैं, 'मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लेने पर ध्यान दे रहा हूं। इसके बाद मैं अपने देश की सेवा करूंगा जो मेरा अंतिम लक्ष्य है।'