मोदी सरकार का फैसला: 42 स्वतंत्र संस्थाएं की जाएंगी 'खत्म', JNU का हो सकता है IIMC
नई दिल्ली। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने फैसला किया है कि तीन प्रमुख संस्थानों के 'निगमीकरण' (कॉर्पोरेटाइजेशन) किया जाएगा। इसमें फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई), सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एसआरएफटीआई) और दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी शामिल है।
इसके साथ ही सरकार चाहती है कि भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) को भी दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय या जामिय मिल्लिया इस्लामिया में विलय कर दिया जाए। सरकार ने 679 स्वायत्त (ऑटानमस) संस्थाओं की समीक्षा के पहले चरण में यह फैसला किया है।
इन संस्थानों की हुई समीक्षा
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने जनवरी में सोसाइटीज ऑफ रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत बनाए गए स्वतंत्र संस्थाओं की समीक्षा शुरू की थी। समीक्षा के पहले चरण में सात मंत्रालयों या विभागों के अंतर्गत आने वाले 114 संस्थानों की समीक्षा की गई।
'खत्म' की जाएंगी संस्थाएं
समीक्षा के अंत में फैसला लिया गया कि इनमें से 42 संस्थाओं को या तो पूरी तरह बंद करके या फिर दूसरे संस्थानों में इनका विलय कर या कई संस्थानों का जोड़ बनाकर या कार्पोरेटाइजेशन करके उनकी स्वतंत्रता 'खत्म' की जाएगी। स्वतंत्र संस्थाओं की समीक्षा का काम राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (नीति आयोग) और प्रधानमंत्री कार्यालय के अफसर कर रहे हैं।
बतौर स्वतंत्र कंपनी करेंगी काम
पहले चरण में उन मंत्रालयों या विभागों की समीक्षा करने का फैसला किया गया जिनके अंतर्गत बड़ी संख्या में केंद्र सरकार से आर्थिक मदद पाने वाले स्वायत्त संस्थाएं हैं। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार पीएमओ के अधिकारियों ने जानकारी दी कि जिन तीन संस्थानों का 'निगमीकरण' किया जाएगा वो अधिग्रहण के बाद बतौर स्वतंत्र कंपनी या एक स्पेशल पर्पज वेहिकल (एसपीवी) के रूप में काम करेंगे।
42 संस्थाएं होंगी खत्म
अखबार के अनुसार साल 2017-18 में केंद्र सरकार की ओर से 68 मंत्रालयों या विभागों के अंतर्गत आने वाली इन 679 संस्थाओं को 72,206 करोड़ रुपये का बजट मुहैया कराया गया। इसके साथ ही जिन 42 संस्थाओं को 'खत्म' किया जाएगा उनमें से 24 संस्थाओं को सोसाइटीज ऑफ रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत एक संस्था के तहत कर दिया जाएगा।
नीति आयोग करेगा दूसरे चरण की समीक्षा
बाकी 11 स्वतंत्र संस्थाओं को दूसरे संस्थानों के तहत कर दिया जाएगा, तीन का 'निगमीकरण' होगा और 4 संस्थाओं को बंद कर दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार इस माह के आखिर में नीति आयोग दूसरे चरण की समीक्षा शुरू करने के लिए बैठक करेगा। दूसरे चरण में भी सोसाइटीज ऑफ रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत निर्मित स्वतंत्र संस्थाओं की समीक्षा की जाएगी।