IFS Day 2020: इलाहाबाद के रहने वाले हैं विदेश सचिव विकास स्वरूप, KBC से है इनका गहरा नाता
नई दिल्ली। आज इंडियन फॉरेन सर्विस डे (आईएफएस डे) यानी भारतीय विदेश सेवा दिवस है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई और लोगों की तरफ से उन राजनयिकों को बधाई दी जा रही है जिन्होंने विदेशों में तैनाती के दौरान देश की सेवा की। यूं तो देश में कई ऐसे आईएफएस ऑफिसर हुए हैं जिन्होंने समय-समय पर सुर्खियां बटोरी हैं लेकिन एक नाम ऐसा है जिन्हें आप कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में अक्सर अमिताभ बच्चन के मुंह से सुनते हैं। हम बात कर रहे हैं विदेश मंत्रालय में पश्चिमी विभाग का जिम्मा संभाल रहे विदेश सचिव विकास स्वरूप की। विकास सिर्फ विदेश मामलों के महारथी ऐसा नहीं है बल्कि लेखन में भी उन्हें महारत हासिल है। तो आज इस खास दिन पर जानिए इन्हीं आईएफएस ऑफिसर के बारे में।
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12वें सीजन में एक्सपर्ट विकास स्वरूप
विदेश सचिव विकास स्वरूप को आपने हाल ही में केबीसी के 12वें सीजन की शुरुआत में देखा था। वह इस सीजन के पहले एपिसोड में एक्सपर्ट के तौर पर जुड़े। दरअसल केबीसी से विकास स्वरूप का गहरा नाता है। विकास जो एक उम्दा लेखक भी हैं उनकी किताब Q&A पर हॉलीवुड के फिल्मेकर डैनी बॉयल ने फिल्म बनाई स्लमडॉग मिलेनियर और यह फिल्म जनवरी 2009 में भारत में रिलीज हुई थी। फिल्म को कई ऑस्कर अवॉर्ड मिले और इस फिल्म के साथ ही विकास पहली बार खबरों में आ गए। फिल्म को ऑस्कर के अलावा बाफ्टा और गोल्डन ग्लोब पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। जब-जब फिल्म को पुरस्कार मिलता तो विकास स्वरूप का भी जिक्र होता।
सन् 1986 से विदेश सेवा में
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिसे अब प्रयागराज के तौर पर जानते हैं, वहां पर विकास स्वरूप का जन्म हुआ। विकास साल 1986 में विदेश सेवा से जुड़े थे। अब तक वह तुर्की, अमेरिका, इथोपिया, यूनाइटेड किंगडम, साउथ अफ्रीका और जापान में भारतीय राजनयिक मिशन पर तैनात रह चुके हैं। अप्रैल 2015 में वह विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के तौर पर जुड़े। वह कनाडा में जुलाई 2019 में उन्हें कनाडा का राजदूत बनाकर भेजा गया। लेकिन दिसंबर 2019 में वह फिर से विदेश मंत्रालय में लौट आए। इस बार उन्हें विदेश सचिव का जिम्मा सौंपा गया। स्वरूप के पास मंत्रालय में पश्चिमी देशों की जिम्मेदारी है। इस विभाग के तहत यूरोप समेत मध्य एशिया के देशों समेत यूनाइटेड नेशंस की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।
वकीलों के खानदान में मशहूर लेखक विकास
अंग्रेजी और दूसरी भाषाओं में महारत रखने वाले स्वरूप को तुर्की की भाषा का भी अच्छा खासा ज्ञान है। उनकी शादी अपर्णा से हुई है और वह भी एक आर्टिस्ट हैं। दो बेटों के पिता विकास स्वरूप वकीलों के खानदान से ताल्लुक रखते हैं। इलाहाबाद से स्कूल की पढ़ाई करने के बाद यहीं से उन्होंने मनोविज्ञान, इतिहास और दर्शन शास्त्र में कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। स्वरूप की सिर्फ एक ही किताब ने हॉलीवुड को प्रेरित किया हो ऐसा नहीं है। उनकी दूसरी नॉवेल सिक्स सक्स्पेट्स जिसे ट्रांसवर्ल्ड ने पब्लिश किया था, उसे अब तक 30 भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है। 28 जुलाई 2008 को आई इस किताब का अमेरिकी संस्करण भी आया और साल 2009 में रिलीज हुआ। इसके अलावा बीबीसी और स्टारफील्ड प्रोडक्शंस ने इस पर फिल्म बनाई। इसके अलावा उनकी एक और किताब द एक्सीडेंटल अप्रेंटिस को भी काफी प्रसिद्धि मिली। इसे साल 2013 में यूके में भी रिलीज किया जा चुका है।
9 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है IFS Day
भारतीय विदेश सेवा की शुरुआत 9 अक्टूबर 1946 को हुई थी। लेकिन साल 2011 से यह खास दिन को अस्तित्व में आया और यहां से विदेश सेवा में लगे राजनयिकों के प्रयासों को पहचान मिलनी शुरू हुई। इस तरह का दिन रूस में भी होता है और हर साल 10 फरवरी को इसे मनाया जाता है। आईएफएस डे वह एक खास दिन होता है जब राजनयिकों के रोल को उनके देशवासियों को बताया जाता है। आईएफएस, भारतीय सिविल परीक्षा का हिस्सा है। आईएफएस के तहत चुने जाने वाले लोगों को विदेशी भाषाओं की जानकारी होना जरूरी होता है। भारतीय विदेश सेवा के तहत इस समय 162 भारतीय राजनयिक मिशन और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ भारतीय राजनयिक जुड़े हुए हैं। इसके अलावा दिल्ली में विदेश मंत्रालय के ऑफिस और प्रधानमंत्री के कार्यालय पर भी इनकी तैनाती की जाती है।