'सोनिया गांधी कांग्रेस की मां जैसी, चिट्ठी से दुख पहुंचा हो तो सॉरी'
नई दिल्ली। कांग्रेस में तत्काल सांगठनिक सुधारों की मांग करने वाले पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं में शामिल एम वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा, 'अगर हमने उनकी (सोनिया गांधी की) भावनाओं को ठेस पहुंचाई हो तो हमें इसके लिए खेद है।' मोइली ने कहा कि उन्होंने कभी सोनिया के नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाया। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष को लिखे पत्र पर दस्तखत करने का बचाव करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह बात कही। मोइली ने यह पत्र मीडिया को लीक होने पर भी अफसोस जताया और कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए आंतरिक जांच होनी चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्र लिखने वाले 23 नेताओें में से किसी का इरादा कांग्रेस छोड़ने का नहीं है।
वीरप्पा मोइली ने कहा, 'सोनियाजी पार्टी के लिए मां की तरह हैं। हम अब भी उनका सम्मान करते हैं। उनकी भावनाओं को आहत करने की मंशा होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। अगर हमने उनकी भावनाओं को आहत किया हो तो उसके लिए हमें खेद है।' सोनिया ने सीडब्ल्यूसी में अपने समापन संबोधन में पद पर बने रहने पर सहमति जताई थी लेकिन कहा कि यह व्यवस्था लंबे समय तक नहीं रह सकती और जल्द नए पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करना होगा। मोइली ने कहा कि कांग्रेस कठिन समय से गुजर रही है।
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मोइली ने दावा किया कि वरिष्ठ नेताओं द्वारा कांग्रेस नेतृत्व को लिखे गए पत्र को कुछ शरारती तत्वों ने लीक कर दिया। सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद सोमवार रात को दिल्ली में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर कपिल सिब्बल और शशि थरूर समेत वरिष्ठ पार्टी नेताओं की मुलाकात पर मोइली ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, क्योंकि वह राष्ट्रीय राजधानी में नहीं थे। उन्होंने कहा, 'हममें से किसी का पार्टी की निंदा करना या पार्टी से अलग होने के बारे में सोचने का सवाल ही नहीं उठता। भाजपा से हाथ मिलाने का सवाल तो बिल्कुल ही नहीं उठता। हम भाजपा से घृणा करते हैं, हम भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से नफरत करते रहेंगे।'
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