स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा-अगर लॉकडाउन न होता तो अब तक होते 8 लाख कोरोना मरीज
नई दिल्ली। देश में लॉकडाउन के बीच कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आकंड़ों के मुताबिक 24 घंटे में कोरना पॉजिटिव के 1035 नए मामले सामने आए और 40 लोगों की मौत हुई है। वहीं, पीएम मोदी ने आज मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद लगभग तय हो गया है कि, सरकार 2 और हफ्तों के लिए लॉकडाउन बढ़ाने जा रही है।
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शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि, पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक 1035 मामले सामने आए हैं, जबकि 40 लोगों की मौत हो गई है। देश में अब तक 7447 केस सामने आए हैं और कुल 239 लोगों की मौत हुई है। वहीं, 642 लोग ठीक हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अगर लॉकडाउन न होता और अगर कोई एहतियात न बरती जाती तो हमारे पास इस समय 8.2 लाख मामले आ सकते थे।
Correction: Without this lockdown and without containment measures, India would have had 8.2 lakh cases by 15th April: Lav Aggarwal, Joint Secretary, Union Health Ministry #COVID19 pic.twitter.com/VhJjwBE56k
— ANI (@ANI) April 11, 2020
उन्होंने कहा कि, अगर लॉकडाउन न होता तो अब तक 45 हजार केस होते और अगर कोई एहतियात न बरती जाती तो मरीज बढ़कर 2 लाख हो गए होते। लॉकडाउन और कन्टेनमेंट का असर दिख रहा है। कोरोना के लिए भारत की प्रतिक्रिया सक्रिय रही है। हमने एक वर्गीकृत दृष्टिकोण का पालन किया है। देश में कोरोना के लिए 586 अस्पताल निर्धारित किए गए हैं और एक लाख से अधिक आइसोलेशन बेड हैं।
उधर आईसीएमआर ने कहा, यदि एक्सपोजर की अवधि पर्याप्त नहीं है, तो निष्कर्ष गलत हो सकते हैं। एचसीक्यू (HCQ) का उपयोग प्रोफिलैक्सिस के रूप में नहीं है। हमने इसकी कभी सिफारिश नहीं की है। आईसीएमआर ने कहा कि आज तक 1.7 लाख से अधिक सैंपल के टेस्ट किए गए हैं। शुक्रवार को 16564 टेस्ट किए गए।
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