ये नौकरी कर रहे हैं तो संकट आने ही वाला है
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम, सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम डेवलप करने वाले डेवलपरों के लिए अवसर बेहतर होंगे.
इसके अलावा सिस्टम की देखरेख करने वाले और रिपेयर करने वाले कुशल इंजीनियरों की मांग बढ़ेगी.
इतना ही नहीं पुइयानो के मुताबिक पानी वाले नल को ठीक करने वाले प्लंबर, बिजली मिस्त्री और बिल्डिंग बनाने वाले कुशल लोगों की मांग बनी रहेगी.
आप अपनी कामकाजी जिंदगी से बोर तो नहीं हो जाते हैं. हो सकता है कि आपका काम उबाऊ हो या फिर ये भी हो सकता है कि वो एक ही ढर्रे का काम हो, जिसमें कोई रोमांच नहीं हो.
वजह चाहे जो हो, लेकिन ऐसा है तो फिर ये आपको चिंतित होना चाहिए. फंड मैनेजर और लेखक जॉन पुइयानो कहते हैं, जो काम रूटीन जैसा हो, जिसके बारे में अनुमान लगाया जा सकता है उस काम को पांच या फिर दस साल में गणितीय गणक (मैथमेटिकल एल्गोरिदम) से करना संभव होगा. कम से कम विकसित देशों में तो ऐसा होने ही लगेगा.
पुइयानो नए विचारों से भरी किताबों की सिरीज़ लिख चुके हैं, जिनमें द रोबोट्स ऑर कमिंग- ए ह्यूमन सरवाइवल गाइड टू प्रॉफिटिंग इन द एज ऑफ़ ऑटोमेशन शामिल है.
पुइयानो ने ऐसे कामों की सूची बनाई है जिसको आने वाले दिनों में तकनीक से ख़तरा है, इसमें चिकित्सा और वकालत जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं जिन्हें हाल फ़िलहाल तक सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले पेशेवरों का क्षेत्र माना जा रहा था.
दुनिया में स्पैनिश बोले जानेवाले इलाक़ों के लिए बीबीसी की समाचार सेवा बीबीसी मुंडो से बात करते हुए पुइयानो ने बताया, डॉक्टर और वकील ग़ायब तो नहीं होंगे, लेकिन यहां भी श्रम आधारित काम काफ़ी कम हो जाएगा.
तकनीक के चलते ख़तरे में आने वाली सात तरह के नौकरियां निम्नांकित होंगी,
हालांकि, इनमें कुछ काम तब भी पेशेवरों के हवाले ही रहेगा.
1 - डॉक्टरी का पेशा
यह सुनने में बहुत दूर की बात लग सकती है क्योंकि डॉक्टरों की मांग हमेशा से रही है और अब तो दुनिया भर में बुज़ुर्गों की संख्या काफ़ी बढ़ रही है.
लेकिन पुइयानो के मुताबिक बीमारियों की जांच में ऑटोमेटेड मशीनों का दख़ल बढ़ेगा जिससे कुछ क्षेत्र की नौकरियां ख़तरे में आ जाएंगी.
हालांकि, इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों और सहायकों की ज़रूरत बनी रहेगी, इसके साथ में विशेषज्ञों की ज़रूरत भी रहेगी.
2 - वकीलों की दुनिया
पुइयानो के मुताबिक भविष्य में दस्तावेज़ों को तैयार करने और रोजमर्रा के कामों के लिए कम वकीलों की ज़रूरत होगी. जिन क़ानूनी कामों में विशेषज्ञता और अनुभव की ज़रूरत नहीं होगी, वे काम कंप्यूटर सॉफ्टवेयर करने लगेंगे.
3 - आर्किटेक्ट जैसे पेशे
सॉफ्टवेयर इन दिनों आम इमारतों को डिज़ाइन करने लगे हैं. पुइयानो के मुताबिक भविष्य में, आर्किटेक्चर की दुनिया में केवल रचनात्मक और कलात्मक आर्किटेक्ट ही टिक पाएंगे.
4 - अकाउंटेंट
बेहद जटिल टैक्स कैलकुलेशन करने में दक्ष एकाउंटेंट की ज़रूरत ही रह पाएगी. पुइयानो के मुताबिक मामूली टैक्स का काम देखने वाले एकाउंटेंटों की ज़रूरत ही नहीं होगी.
5 - फ़ाइटर विमानों के पायलट
ड्रोन ने एक तरह से जोख़िम भरे क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले पायलटों की जगह ले ली है.
ये सिलसिला जारी रहेगा और युद्ध की परिस्थितियों में स्वचालित सिस्टम का इस्तेमाल बढ़ेगा.
6 - पुलिस एवं जासूस
रूटीन निगरानी और कम निपुणता वाली जांच पड़ताल का काम अत्याधुनिक तकनीकी व्यवस्थाओं के माध्यम से होने लगा है.
वैसे पुलिस हों या फिर जासूस, उनकी नौकरियां ग़ायब तो नहीं होंगी लेकिन पेशेवरों की मांग कम होगी.
7 - रियल एस्टेट एजेंट
रिटेल के दूसरे कारोबार की तरह ही रियल एस्टेट के कारोबार में वेबसाइट्स एवं आनलाइन ख़रीद फरोख्त ने परंपरागत रूप से रियल एस्टेट का काम देखने वाले लोगों के काम पर असर डाला है.
तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से सबसे ज़्यादा ख़तरा कंपनियों में मिडिल मैनजर के तौर पर काम करने वाले लोगों को होगा.
तकनीक से कौन कौन सी नई नौकरियां आएंगी?
पुइयानो का मानना है कि तकनीक के बढ़ते दख़ल से जहां कुछ नौकरियां कम होंगी वहीं कुछ दूसरी नौकरियां बढ़ेंगी भी.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम, सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम डेवलप करने वाले डेवलपरों के लिए अवसर बेहतर होंगे.
इसके अलावा सिस्टम की देखरेख करने वाले और रिपेयर करने वाले कुशल इंजीनियरों की मांग बढ़ेगी.
इतना ही नहीं पुइयानो के मुताबिक पानी वाले नल को ठीक करने वाले प्लंबर, बिजली मिस्त्री और बिल्डिंग बनाने वाले कुशल लोगों की मांग बनी रहेगी.