लॉकडाउन आगे खिंचता है तो कोरोनावायरस से ज्यादा भूख लोगों को मार डालेगी: नारायण मूर्ति
बेंगलुरु। इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने कहा है कि अगर Covid -19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत में लॉकडाउन लंबा खिंचता है, तो महामारी की तुलना में भूख से मरने वाली की संख्या अधिक हो सकती हैं। मूर्ति ने कहा कि देश को कोरोवायरस को नए सामान्य के रूप में स्वीकार करना चाहिए और सबसे कमजोर की रक्षा करते हुए सक्षम लोगों के रिटर्न-टू-वर्क की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
बुधवार को एक वेबिनार में बिजनेस लीडर्स को संबोधित करते हुए नारायण मूर्ति ने कहा, हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारत बहुत लंबे समय तक इस स्थिति में नहीं रह सकता है, क्योंकि कुछ समय में भूख से होने वाली मौतों का आंकड़ा कोरोनोवायरस के कारण होने वाली मौतों की संख्या से बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि विकसित देशों की तुलना में कुल पॉजिटिव मामलों में भारत की मृत्यु दर बहुत कम यानी 0.25-0.5 फीसदी है।
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उन्होंने कहा, चूंकि 3 मई तक ज्यादातर जगहों पर लॉकडाउन के कारण अब तक भारत वायरस के प्रसार को कम करने में सक्षम रहा है। भारत में Covid-19 के लिए 31,000 से अधिक लोग पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि 30 जनवरी को पहले सूचित संक्रमण के बाद से अब तक 1,008 की मौत हो चुकी है।
मूर्ति ने कहा कि भारत में विभिन्न कारणों से सालाना 90 लाख से अधिक मौतें होती हैं, जिनमें से एक तिमाही प्रदूषण के कारण होती है, क्योंकि भारत दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषित देशों में से एक है। उन्होंने कहा, जब आप 90 लाख लोगों को स्वाभाविक रूप से मरते हुए देखते हैं और जब आप पिछले दो महीनों में 1,000 लोगों की मौत के साथ तुलना करते हैं, तो जाहिर है कि यह उतना घबराहट वाली बात नहीं है जितना हम सोचते हैं।
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मूर्ति ने कहा कि लगभग 19 करोड़ भारतीय असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं या स्वरोजगार कर रहे हैं और इस आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा लॉकडाउन के कारण अपनी आजीविका खो दिया है और अगर लॉकडाउन लंबे समय तक जारी रहता है तो और अधिक अपनी आजीविका खो देंगे।
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