नायडू की किताब के लॉन्च पर बोले पीएम मोदी- अनुशासन पसंद व्यक्ति को इन दिनों तानाशाह करार दिया जाता है
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू की किताब- 'मूविंग ऑन मूविंग फॉरवर्ड: ए ईयर इन ऑफिस' के लॉन्च के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर भी तंज कसा। पीएम मोदी ने कहा कि वैंकेया जी अनुशासन के प्रति बहुत आग्रही हैं और हमारे देश की स्थिति ऐसी है कि अनुशासन पसंद करने वाले व्यक्ति को तानाशाह कह देना इन दिनों बड़ा आसान हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि अगर कोई अनुशासन का जरा सा भी आग्रह करे तो उसे निरंकुश बता दिया जाता है। लोग इसे कुछ नाम देने के लिए शब्दकोष खोलकर बैठ जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उपराष्ट्रपति की अनुशासनप्रिय कार्यशैली का जिक्र करते हुए कहा कि दायित्वों की पूर्ति में सफलता के लिए नियमबद्ध कार्यप्रणाली अनिवार्य है। व्यवस्था और व्यक्ति, दोनों के लिए यह गुण बेहद लाभप्रद होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि नायडू खुद अनुशासन का पालन करते हैं। अनुशासन उनके स्वभाव में है। अगर सदन ठीक तरीके से काम करता है तो इस बात पर कोई ध्यान नहीं देता कि कौन अध्यक्ष है, लेकिन जब यह मानकों के मुताबिक नहीं चलता है तो हर कोई सभापति पर ध्यान देता है कि उस व्यक्ति के क्या गुण हैं और वह व्यक्ति सदन के अनुशासन को कैसे बनाए रखता है। पीएम मोदी ने कहा कि वैंकेयाजी की यह किताब बतौर उपराष्ट्रपति उनके अनुभवों का संकलन तो है ही, साथ ही इसके माध्यम से उन्होंने इसके माध्यम से एक साल में किए गए अपने काम का हिसाब देश के समक्ष प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि वैंकेया नायडू ने उपराष्ट्रपति की संस्था को नया रूप देने का खाका भी इस पुस्तक में खींचा है, जिसकी झलक इसमें साफ दिखाई देती है।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए एक किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा, 'अटलजी वेंकैया नायडू को एक मंत्रालय देना चाहते थे। वेंकैयाजी ने कहा मैं ग्रामीण विकास मंत्री बनना चाहता हूं। वह दिल से किसान हैं। वह किसानों और कृषि के कल्याण की दिशा में समर्पित हैं।' वैंकेया नायडू की किताब के लॉन्च के अवसर पर पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, 'नायडू ने उपराष्ट्रपति, राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव के दफ्तर में काम किया है। यह उनके एक साल के अनुभव में काफी हद तक दिखता है, लेकिन उनका बेस्ट आना अभी बाकी है।'