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'अगर अभी लॉकडाउन हटाया गया तो दिसंबर तक भारत की 50% आबादी को हो सकता है कोरोना'

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नई दिल्ली। कोरोनावायरस प्रेरित अंतिम विस्तारित लॉकडाउन आगामी 31 मई को खत्म होने को है, लेकिन लॉकडाउन में मिली छूट और प्रवासियों के एक शहर दूसरे शहरों में पहुंचने से कोरोना संक्रमित मरीजों में अचानक जैसी बाढ़ आ गई है, उससे निकट भविष्य में देश में कोरोना महामारी की विभीषिका का अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं हैं।

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हालांकि सरकार भी लॉकडाउन 4.0 में दी गई रियायत के बाद पूरे देश से सामने आई कोरोनावायरस संक्रमितों के मामलों की बाढ़ की भयावह तस्वीरों से अंजान नहीं है, लेकिन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस (निमहंस) में न्यूरोवायरोलॉजी के प्रमुख डॉक्टर वी रवि ने सरकार की धड़कनें और बढ़ा दी हैं।

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बेंगलुरू स्थित निमहंस में न्यूरोवायरोलॉजी चीफ डॉक्टर वी रवि की मानें तो देश में संक्रमण की रफ्तार सिर्फ लॉकडाउन की वजह से ही धीमी थी, लेकिन अगर लॉकडाउन में समाप्त कर दिया तो दिसंबर के अंत तक भारत की आधी आबादी कोरोना संक्रमितों के दायरे में आ सकती है। डाक्टर रवि के मुताबिक लॉकडाउन हटाने में जल्द बाजी से आने वाले दिन भारत के लिए बदतर हो सकते हैं।

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हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा: डाक्टर रवि

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डॉ. रवि ने आगे कहा, हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा। उन्होंने चौंकाते हुए बताया कि भारत में गैर-कोविड-19 संबंधित कारणों से अधिक लोगों की मृत्यु हो सकती है। उन्होंने मीडिया को आड़ों हाथ लेते हुए कहा कि H1N1 से मृत्यु दर 6 फीसदी से अधिक थी, लेकिन लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं पड़ी, क्योंकि कुछ साल पहले इस तरह की दहशत पैदा करने के लिए सोशल मीडिया नहीं था।

भारत में कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों में बेतहाशा वृद्धि होगी

भारत में कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों में बेतहाशा वृद्धि होगी

गत 24 मार्च 2020 को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी और गत 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को खत्म हो रहा है। माना जा रहा है कि मामलों में तेजी को देखते हुए अगर लॉकडाउन में विस्तार नहीं दिया जाता है, तो भारत में कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों में बेतहाशा वृद्धि होगी और साल के अंत तक देश की आधी आबादी इससे संक्रमित हो जाएगी।

कोरोना संक्रमण की रफ्तार सिर्फ लॉकडाउन प्रतिबंधों की वजह से धीमी थी

कोरोना संक्रमण की रफ्तार सिर्फ लॉकडाउन प्रतिबंधों की वजह से धीमी थी

डॉक्टर वी रवि के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार सिर्फ लॉकडाउन प्रतिबंधों की वजह से ही धीमी थी और लॉकडाउन को पूरी तरह से हटाने का जोखिम लिया गया तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं, जिसकी झलकी लॉकडाउन 4.0 में मिली छूट के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों में आई तेजी में देखी गई हैं।

रियायत से देश कोरोना का प्रसार और प्रभाव तेजी से बढ़ता जा रहा है।

रियायत से देश कोरोना का प्रसार और प्रभाव तेजी से बढ़ता जा रहा है।

भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था, जिसके बाद जानलेवा महामारी को रोकने के लिए भारत ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा प्रमुख कड़ी थी। इस बीच भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण को टेस्ट करने की अपनी क्षमता को बढ़ाया और महामारी रोकने के लिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग से यातायात सेवाएं निलंबित कर दीं गईं, लेकिन लॉकडाउन में रियायत से देश कोरोना वायरस का प्रसार और प्रभाव तेजी से बढ़ता जा रहा है।

कर्नाटक ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए बेहतर काम किया

कर्नाटक ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए बेहतर काम किया

कर्नाटक Covid-19 विशेषज्ञ समिति के प्रमुख डाक्टर रवि ने बताया कि कर्नाटक ने अन्य राज्यों की अपेक्षा कोरोना वायरस से निपटने के लिए बेहतर काम किया है। वर्तमान में राज्यभर में कम से कम 1.1 लाख लोग संस्थागत क्वॉरेंटाइन केंद्रों में पंजीकृत हैं, क्योंकि राज्य सरकार ने कर्नाटक में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है।

इन पांच राज्यों से आने वाले बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं

इन पांच राज्यों से आने वाले बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं

कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और राजस्थान से आने वाले विमानों की संख्या कम करने की मांग भी की है। सरकार ने कहा कि इन पांच राज्यों से आने वाले बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं इसलिए कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात से सड़क मार्ग के जरिए कर्नाटक में आने पर लगी पाबंदी बरकरार रखने का फैसला किया है।

वर्तमान में पूरे एशिया में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मामले भारत में हैं

वर्तमान में पूरे एशिया में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मामले भारत में हैं

वर्तमान में पूरे एशिया में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मामले भारत में हैं। लॉकडाउन 4.0 में दी गई छूट 10वें दिन में ही 60 हजार मरीज मिले। वहीं, गुरुवार यानी 28 मई को देश में अब तक के सर्वाधिक 7 हजार 135 नए मरीज मिले। इस तरह भारत कोरोना वायरस महामारी के सर्वाधिक मरीजों वाले देशों की गिनती में नौंवे क्रम पर पहुंच गया है और अगर लॉकडाउन में विस्तार नहीं किया गया और मौजूदा छूट को बरकरार रखा गया तो स्थिति बेहद बुरी हो सकती है।

Comments
English summary
According to Dr. V Ravi, Chief of Neurovirology at NIMHANS, Bengaluru, the pace of infection in the country was slow due to lockdown only, but if finished in lockdown, by the end of December half of the population of India could be covered by corona infections. . According to Dr. Ravi, the days ahead of removing the lockdown can be worse for India.
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