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Delhi violence:गोकुलपुरी में 80 परिवारों के सामने था मौत का मंजर, दिल्ली पुलिस ने बचाया

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नई दिल्ली- तमाम आलोचनाओं के बावजूद दिल्ली पुलिस ने भारी हिंसा के बीच में एक ऐसा सराहनीय कार्य किया है, जिसके लिए जिंदा बचने वाले 80 परिवार के लोग ताउम्र उसे दुआएं देंगे। घटना दंगों के भयंकर चपेट में आए उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके की है। यहां 80 परिवारों के लोग उपद्रवियों से घर गए थे। उनके घरों को निशाना बनाया जाने लगा था। दहशत इतना बढ़ चुका था कि लग रहा था कि जान बचानी मुश्किल है। इन परिवारों ने फौरन दिल्ली पुलिस को फोन मिलाया और पुलिस वाले देवदूत बनकर उनकी रक्षा के लिए तत्काल पहुंच गए। एक-एक को उनके घरों से सुरक्षित निकाला और दयालपुर थाने ले आए और वहीं पर उनके ठहरने का इंतजाम किया। आज बचे हुए लोग बेझिझक मानने को तैयार हैं कि अगर दिल्ली पुलिस समय पर नहीं आती तो उनकी जान नहीं बचती।

80 परिवारों को सुरक्षित निकाला

80 परिवारों को सुरक्षित निकाला

दिल्ली में भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस को चौतरफा आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है। आरोप लग रहे हैं कि वो हालात पर समय रहते नियंत्रण पाने में नाकाम रही है। लेकिन, सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात को अगर वह वक्त पर गोकुलपुरी इलाके में हिंसा पीड़ितों के बुलाने पर नहीं पहुंची तो 80 परिवारों की जान पर आ सकती थी। घटना उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी के गंगा विहार इलाके की है। कुछ उपद्रवी तत्वों ने एक समुदाय के कई परिवारों के घरों पर हमला कर दिया। लेकिन, पुलिस एक सूचना पर फौरन उनके पास पहुंच गई और 80 परिवारों को उनके घरों से एक-एक कर सुरक्षित निकालकर दयालपुर थाने ले आए।

'पुलिस नहीं आती तो जिंदा नहीं बचते'

'पुलिस नहीं आती तो जिंदा नहीं बचते'

जिन लोगों को दिल्ली पुलिस मौत के मुंह से सुरक्षित निकाल लाई है, उनका कहना है कि अगर पुलिस वक्त पर नहीं पहुंचती तो उनकी जान सकती थी। इन्हीं में एक ने उस वाक्ये के बारे में बताया कि, 'हम सभी पिछले 35 सालों से गंगा विहार में रह रहे हैं। कभी कोई समस्या नहीं हुई। लेकिन, जब सोमवार और मंगलवार को मौजपुर और बाबरपुर में हिंसा भड़क उठी, अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। इसकी वजह से कुछ लोगों ने हमारे घरों पर हमला कर दिया। हमने मदद के लिए पुलिस को कॉल किया। अगर पुलिस वक्त पर नहीं पहुंची होती तो आज हमलोग जिंदा नहीं होते।'

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थाने में ही गुजारी रात

थाने में ही गुजारी रात

बचाए गए लोगों में से करीब 100 लोगों ने मंगलवार की रात दयालपुर पुलिस स्टेशन में ही गुजारी। लेकिन, बुधवार को जब मेट्रो सेवा बहाल हुई तो उनमें से कई लोग अपने-अपने रिश्तेदारों के घरों की ओर चले गए। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक जो लोग यहीं रुकना चाहते हैं, उनके रहने का इंतजाम किया गया है। अब हालात भी धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। इसी दौरान गाजिबाद से आए एक शख्स ने अपने भाई के परिवार वालों को बचाने के लिए दिल्ली पुलिस को शुक्रिया कहा है, जो अपने भाई के परिवार अपने साथ ले जाने पहुंचा था। उसने बताया, 'मेरे भाई ने मुझे बताया कि मंगलवार को सुबह में हालात सामान्य नहीं थे, बल्कि स्थिति तो ऐसी थी कि वह अपने घर से निकल भी नहीं सकते थे।' बता दें कि पिछले चार दिनों से जारी हिंसा में अबतक 24 लोगों की जान चुकी है और करीब दो सौ लोग जख्मी हुए हैं।

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English summary
If Delhi Police did not reach Gokulpuri on time, so who could have saved 80 families?
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