क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

NGT ने कहा- अगर सिगरेट के पैकेट पर स्वास्थ्य को लेकर चेतावनी हो सकती है, तो प्रदूषित गंगा के पानी पर क्यों नहीं

Google Oneindia News

नई दिल्ली। गंगा नदी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नाराजगी जताई है। एनजीटी ने इस मुद्दे पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर सिगरेट के पैकेट पर स्वास्थ्य को लेकर चेतावनी लिखी जा सकती है तो गंगा के प्रदूषित पानी को लेकर ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता। एनजीटी के चेयरपर्सन एके गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर ये टिप्पणी की है।

<strong>इसे भी पढ़ें:- 7th Pay Commission: नवंबर से हो सकती है केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी </strong>इसे भी पढ़ें:- 7th Pay Commission: नवंबर से हो सकती है केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी

गंगा प्रदूषण पर एनजीटी की तल्ख टिप्पणी

गंगा प्रदूषण पर एनजीटी की तल्ख टिप्पणी

एनजीटी की ओर से दावा किया गया कि उत्तराखंड के हरिद्वार से यूपी के उन्नाव तक गंगा का पानी साफ नहीं है। ये पानी न तो पीने के लिए ही सही है और न ही नहाने के लिए, बावजूद इसके लोग इस बात से अनजान हैं और गंगा नदी का पानी पीने के लिए और नहाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करने की वजह से उनके स्वास्थ्य प्रतिकूल असर भी पड़ सकता है।

'स्वास्थ्य के लिए हानिकारक' जैसी चेतावनी क्यों नहीं: NGT

'स्वास्थ्य के लिए हानिकारक' जैसी चेतावनी क्यों नहीं: NGT

सुनवाई के दौरान एनजीटी के प्रमुख एके गोयल ने कहा कि जिस तरह से लोग गंगा के पानी को शुद्ध मानते हैं ऐसे में जरूरी है कि उन्हें इसके पानी की शुद्धता की जानकारी हो। इसी को लेकर उन्होंने कहा कि "अगर सिगरेट के पैकेट पर 'स्वास्थ्य के लिए हानिकारक' जैसी चेतावनी लिखी जा सकती है, तो प्रदूषित गंगा के पानी को लेकर ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता है।

गंगा में प्रदूषण को रोकने के लिए NGT ने दिए हैं कई आदेश

गंगा में प्रदूषण को रोकने के लिए NGT ने दिए हैं कई आदेश

बता दें कि इससे पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गंगा में प्रदूषण को रोकने के लिए कई बड़े आदेश दिए थे। एनजीटी ने गंगा किनारे को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित किया था। उत्तराखंड के हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बीच गंगा किनारे के 100 मीटर दायरे को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित कर दिया था। एनजीटी ने गंगा में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ सम्बंधित एजेंसियो को 50 हज़ार का जुर्माना लगाने का आदेश भी दिया था।

<strong>इसे भी पढ़ें:- नगर निगम ने इस शहर में लगाया गोलगप्पे की बिक्री पर बैन, जानिए वजह </strong>इसे भी पढ़ें:- नगर निगम ने इस शहर में लगाया गोलगप्पे की बिक्री पर बैन, जानिए वजह

Comments
English summary
If cigarette packets can carry ‘injurious to health’ warning, why not polluted Ganga, asks NGT
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X