कालेधन के आने पर लाखों गरीब परिवारों की हर साल होगी दिवाली
नई दिल्ली। कालाधन अगर एक बार आ जाए तो देश में गरीबी के नीचले स्तर पर जीवन व्यतीत कर रहे लाखों गरीब परिवारों की दिवाली हर साल धूम-धाम से मनेगी। देश के उद्योगपतियों, व्यापारियों और राजनेताओं और अन्य लोग जो कर चोरी करते हैं वह कालेधन के रूप में विदेश में जमा है। देश से विदेशों में जमा कालेधन का अनुमान करीब 36 हजार करोड़ रुपए लगाया गया है। यह इतनी बड़ी रकम है जिससे गरीबी कुछ सालों में ही मिट जाएगी और देश एक मजबूत आर्थिक देश के तौर पर उभरेगा।
क्यों नहीं आ रहा है कालाधन
हजारों करोड़ों रुपए का कालाधन देश में वापस नहीं आ रहा है। इसके पीछे राजनीतिक इच्छा शक्ति की सबसे ज्यादा कमी है। दशकों से जो सरकारें बनी हैं उन्होंनेे कालाधन वापस लाने के लिए हमेशा से ही दावे किए हैं। लेकिन अभी तक सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अगर बात करें पिछली यूपीए सरकार की तो यूपीए सरकार ने भी कालाधन वापस लाने के लिए श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा था कि कालाधन वापस आएगा साथ ही कालाधन रखने वालों के नामों को भी उजागर किया जाएगा।
वहीं भाजपा के भी वही बोल हैं। जो यूपीए सरकार में कांग्रेस ने बोले थे। यीपीए सरकार में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह कालाधन वापस लाएंगे। एक बार आयकर विभाग मामला दर्ज कर लेगा और कोर्ट तक ले जाएगा तो खुद ही नाम उजागर हो जाएंगे।
सरकार नहीं मान रही सुप्रीम के निर्देश
वर्ष मई 2011 मेें यूपीए सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया था कि कालाधन रखने वालों के नामों को जल्द से जल्द उजागर किया जाए।
इसके अलावा वर्ष 2012 में उच्चतम न्यायलय ने विदेशों में कालाधन वापस लाने के लिए यूपीए सरकार के रहते हुए एसआईटी का गठन किया था।
मई 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही केंद्र में भाजपा की सरकार के रहते हुए एसआईटी का गठन किया। यह एसआईटी कालाधन वापस लाने के लिए गठित की गई।
भाजपा ने भी वही किया जो यूपीए सरकार ने किया
भाजपा ने भी वही किया जैसा यीपीए सरकार ने पहले किया था। यीपीए ने जिस तरह से कालेधन पर यूटर्न लिया था उसी तरह से भाजपा ने भी यूटर्न ले लिया है।
इसी साल अक्टूबर में भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से साफ तौर यह कहते हुए कालाधन रखने वालों के नाम उजागर करने से मना कर दिया कि यह अंतरराष्ट्रीय कराधान संधी के नियमोें के मुताबिक कालाधन रखने वालों के नाम उजागर नहीं किए जा सकते हैं।