मंकीपॉक्स को लेकर ICMR अलर्ट, संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए कर रहा है सीरो सर्वे पर विचार
नई दिल्ली, अगस्त 19। पहले से ही कोरोना की मार झेल रही दुनिया पर अब मंकीपॉक्स का खतरा मंडरा रहा है और अब इसका असर भारत में भी दिखना शुरू हो गया है। भारत में मंकीपॉक्स के अभी तक 10 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 5 केस दिल्ली में और 5 केस केरल में सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही मंकीपॉक्स को खतरनाक बताकर इससे सावधानी बरतने के लिए आगाह कर चुका है। ऐसे में भारत के अंदर अब ICMR ने भी इसको लेकर कमर कसना शुरू कर दिया है।
मंकीपॉक्स को लेकर होगा सीरो सर्वे?
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि आईसीएमआर स्पर्शोन्मुख मंकीपॉक्स रोगियों का पता लगाने के लिए एक सीरो-सर्वेक्षण पर विचार कर रहा है। आईसीएमआर के अधिकारियों ने यह कहा है कि उन्हें अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि वायरल संक्रमण के लक्षण न दिखने वाले लोगों का अनुपात कितना है।
आईसीएमआर के एक सूत्र ने कहा है, "हम भारत में मंकीपॉक्स से प्रभावित लोगों के करीबी संपर्कों के बीच एक सीरो-सर्वेक्षण करने के बारे में सोच रहे हैं ताकि हम उनमें एंटीबॉडी की उपस्थिति की जांच कर सकें। यह विचार यह पता लगाने के लिए है कि उनमें से कितने संक्रमितों के संपर्क में आने के कारण बीमारी से संक्रमित हुए और उनमें लक्षण नहीं दिखे।'' अभी इस बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है, बस चर्चा शुरुआती चरण में है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस है जो वायरस के जरिए इंसानों के शरीर तक पहुंच सकता है। इसके लक्षण चेचक के तरह होते हैं। हालांकि अभी यह चिकित्सकीय रूप से ज्यादा गंभीर नहीं हैं। मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स के साथ आता है और इसकी वजह से कई अन्य प्रकार की चिकित्सीय परेशानियां हो जाती हैं। यह आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक चलने वाले लक्षणों के साथ रहने वाला एक वायरस है।
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