जिन जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा, वहां लगे 6 से 8 हफ्ते का लॉकडाउन- ICMR
नई दिल्ली, मई 12: देश में लगातार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर घातक होती जा रही है। रोजाना 4 लाख से ज्यादा मामले पूरे देश में सामने आ रहे है। वहीं मौत का आंकड़ा भी हैरान करने वाला है। इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने कोरोना वायरस की चेन को ब्रेक करने के लिए अगले 6 से 8 सप्ताह तक पूर्ण लॉकडाउन लगाने की बात कही है।
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देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर बोलते हुए स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि बड़ी संख्या में संक्रमण की रिपोर्ट करने वाले जिलों को इस वायरस के प्रसार को काबू में करने के लिए अगले छह से आठ सप्ताह तक बंद रहना चाहिए। भार्गव के मुताबिक उन सभी जिलों में लॉकडाउन प्रतिबंध लागू रहना चाहिए, जहां संक्रमण की दर 10 फीसदी से ऊपर है।
भार्गव के मुताबिक हाई पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों को बंद रखना चाहिए। अगर वे 10 फीसदी सकारात्मकता दर से 5 फीसदी पर आते हैं तो जिलों को फिर खोल सकते हैं, लेकिन लॉकडाउन होना चाहिए। वर्तमान में भारत के 718 जिलों में से तीन-चौथाई में 10 फीसदी से अधिक है या फिर उससे ज्यादा है, जिसमें दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं।
वहीं उन्होंने राजधानी दिल्ली का उदारहण देते हुए कहा कि भारत के सबसे हिट शहरों में से एक दिल्ली है, जहां सकारात्मकता दर लगभग 35% तक पहुंच गई थी, लेकिन अब लगभग 17% तक गिर गई है। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि कल दिल्ली को खोला जाता है, तो यह फिर से उसी भयानक स्थिति में पहुंच जाएगी।
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डॉ. बलराम भार्गव की टिप्पणी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब देश के किसी वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस बात की पैरवी की है कि लॉकडाउन कब तक होना चाहिए। वहीं केंद्र सरकार ने आर्थिक प्रभाव की वजह से लॉकडाउन का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है। ऐसे में बढ़ते संक्रमण के चलते कई राज्यों ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। लेकिन राज्य की सरकारों की ओर से लॉकडाउन एक सप्ताह या फिर वीकेंड के हिसाब से लगाया जा रहा है।