IIT के कोरोना टेस्ट किट को ICMR ने दी मंजूरी, पहले से सस्ती और आसान होगी जांच
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 23 हजार के पार पहुंच गई है। ऐसे में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में आईआईटी दिल्ली को एक बड़ी कामयाबी मिली है। आईआईटी दिल्ली ने कोरोना टेस्ट के लिए एक किट बनाई है, जिसे अब आईसीएमआर ने मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब भारत को टेस्टिंग किट के लिए चीन और अन्य देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वहीं ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्ट करके संक्रमण को भी रोका जा सकेगा।
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मौजूदा किट से काफी सस्ती है नई किट
इस किट को तैयार करने वाली टीम में कुसुमा स्कूल ऑफ बायलोजिकल साइंस के प्रो. विवेकानंद पेरुमल, प्रो. कुंडू, प्रोफेसर मनोज बालाकृष्णन और जेम्स गोम्स समेत आईआईटी के कई छात्र शामिल हैं। इस टीम ने जो किट बनाई है, वो मौजूदा किट की तुलना में काफी सस्ती है। इस किट से टेस्ट रिजल्ट एकदम सही और जल्दी मिल रहे हैं। कोरोना संकट को देखते हुए आईसीएमआर ने दिल्ली आईआईटी की किट की जांच की थी। सब कुछ सही पाए जाने के बाद आईसीएमआर ने इस किट को मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि किट का बड़े पैमाने पर उत्पादन कब से शुरू होगा।
पहला मरीज मिलते ही शुरू हुआ था किट पर काम
किट को बनाने वाली टीम ने बताया कि इस किट पर तभी से काम शुरू हो गया था जब देश में पहला कोविड-19 का केस मिला था। टीम के कई सदस्य ऐसे हैं, जिन्होंने 18-18 घंटे लगातार काम किया। वहीं लॉकडाउन के बाद इस किट को पुणे स्थित लैब भेजने में काफी दिक्कत हो रही थी, लेकिन किसी तरह उन्होंने कूरियर के जरिए इसे भिजवाया। जिसके जांच के बाद अब इसे मंजूरी मिल गई है। आईआईटी दिल्ली ने राइबोज न्यूक्लिक एसिड यानी आरएनए को डीएनए में तब्दील करने के बाद, ईसीआर के जरिए वायरस को पहचानने की तरीका अपनाया है। जिस वजह से ये किट सस्ती है और इसके रिजल्ट भी जल्दी आ रहे हैं।
किट को लेकर दूसरे देशों पर निर्भर है भारत
भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। 130 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले भारत में अब तक सिर्फ पांच लाख कोरोना टेस्ट हुए हैं। जिसको लेकर विशेषज्ञ लगातार चिंता जता रहे हैं। भारत टेस्ट किट के लिए चीन समेत अन्य देशों पर निर्भर है। वहां से सप्लाई नहीं आने के कारण जांच भी कम हो पा रही है। ऐसे में आईआईटी दिल्ली की इस किट का उत्पादन शुरू होने से जांच की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। साथ ही कोरोना के मरीजों को पता लगाकर संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकेगा।