ICJ: जानिए किस देश के अकेले जज ने भारत के खिलाफ लिखा फैसला
नई दिल्ली- नीदरलैंड्स स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव केस में 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है। इस मामले में जजों ने जिस तरह से भारत के पक्ष में लगभग आम सहमति से फैसला सुनाया है, उससे पाकिस्तान हक्का-बक्का रह गया है। पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी फजीहत की बात ये रही कि भारत के साथ हर विवादित मसले पर उसका साथ देने वाले चीन ने भी अबकी बार उसका साथ नहीं दिया है और उसने भी कुलभूषण जाधव के फेवर में ही जजमेंट लिखा है। लेकिन, 16 देशों में से अभी भी एक देश के जज ने अंतरराष्ट्रीय माहौल को भांपने में बड़ी चूक कर दी है और उस जज ने इस बार भी पाकिस्तान को आईना दिखाने का मौका गंवा दिया।
इन 15 देश के जजों ने सुनाया भारत के हक में फैसला
जिन देशों के जजों ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक और उन्हें काउंसलर एक्सेस मुहैया कराने का ऑर्डर लिखा है उनमें स्लोवाकिया के जज पीटक टॉमका, सोमालिया के अब्दुलकवी अहमद यूसुफ, चीन की शू हांकिन, फ्रांस के जज रॉनी अब्राहम, भारत के जस्टिस दलवीर भंडारी, ब्राजील के एंटोनियो ऑगस्टो ट्रिनडाडे, ऑस्ट्रेलिया के जेम्ल रिचर्ड क्रॉफोर्ड, मोरक्को के मोहम्मद बेनौना, अमेरिका की जज जोआन ई डोनोह्यू, इटली के जॉर्जिओ गजा, जमैका के पैट्रिक लिप्टन रॉबिंसन, युगांडा की जज जूलिया सेबुटिंडे, रूस फेडरेशन की जज किरिल, लेबनान के जज सलाम और जापान के जज यूजी इवसावा शामिल हैं।
चीन की जज ने भी कुलभूषण के पक्ष में फैसला लिखा
अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में चीन की जज शू हांकिन ने भारत के पक्ष ऑर्डर लिखा है। वे आईसीजे की उपाध्यक्ष भी हैं। वो जून 2010 से आईसीजे की सदस्य हैं। साल 2012 में उन्हें दोबारा चुना गया। उन्हें 6 फरवरी 2018 को आईसीजे का उपाध्यक्ष चुना गया था। हांकिन चीन की कानूनी विधि विभाग की प्रमुख और नीदरलैंड में चीन की राजदूत रह चुकी हैं।
कूलभूषण के पक्ष में जस्टिस दलवीर भंडारी ने भी लिखा फैसला
जस्टिस दलवीर भंडारी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इकलौते भारतीय जज हैं, जो कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई में शामिल हुए। जस्टिस भंडारी 2012 से आईसीजे के सदस्य हैं। भंडारी फरवरी 2018 में दोबारा आईसीजे के सदस्य चुने गए थे। भंडारी सुप्रीम कोर्ट में भी जज रह चुके हैं।
खिलाफ में फैसला लिखने वाला अकेला जज निकला पाकिस्तानी
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पाकिस्तान के जज तस्सदुक हुसैन जिलानी एकमात्र ऐसे जज निकले जिसने कुलभूषण जाधव के खिलाफ फैसला सुनाया। पाकिस्तान ने इन्हें जाधव केस में एक एड-हॉक जज के तौर पर नियुक्त किया था। नियमों के अनुसार जब सुनवाई कर रही पीठ में संबंधित देश का कोई जज नहीं होता, तो वह ऐसे जज की नियुक्ति कर सकता है। जिलानी पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर भी एक साल काम कर चुके हैं। इस दौरान आईसीजे में पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल के नेतृत्व में कानूनी विशेषज्ञों की एक टीम और पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल भी मौजूद रहे।
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