ICEA ने कहा- स्मार्टफोन पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 12% किया जाना चाहिए
नई दिल्ली, 28 जनवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक आयोजित की गई जिसमें स्मार्टफोन पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। जीएसटी बढ़ने पर मोबाइल फोन की कीमत बढ़ जाएगी। जीएसटी की नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी। वहीं अब इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने आगामी बजट 2022 में स्मार्टफोन पर GST को 18% से घटाकर 12% करने का प्रस्ताव दिया है।
बता दें कोरोना महामारी हालात को बदतर से बदतर बनाने का काम करती है। चूंकि हम सभी ज्यादातर चीजों के लिए अपनी मोबाइल तकनीक पर निर्भर हैं, कीमतों में बढ़ोतरी लोगों के हित में नहीं है। जीएसटी काउंसिल के इस निर्णय ऐसे समय में आया है जब कोरोना महामारी में चीन से मोबाइल कंपोनेंट सप्लाई प्रभावित होने से पहले ही हैंडसेट कंपनियां कीमतों में बढ़ोतरी पर विचार कर रही थी। कुछ ब्रांड के मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की कीमतें पहले से ही बढ़ाई जा चुकी है।
भारत सरकार 'डिजिटल इंडिया' पर टॉरगेट कर रही है, इसके लिए स्मार्टफोन को इस आधार पर सबसे ऊपर रखा गया है कि हाल के दिनों में हम टेलीफोन पर बहुत कम या नहीं कर सकते हैं। मोबाइल फोन कारोबार के लिए कुछ तरह की सब्सिडी होनी चाहिए।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने अधिकारियों से मोबाइल टेलीफोन पर 18 प्रतिशत GST को आधुनिक बनाने और इसे घटाकर 12 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। यह न केवल घरेलू उत्पादकों की मदद करेगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि हर व्यक्ति इस आधुनिक सुविधा से लैस हो।
डिजीकैम मॉड्यूल, पीसीबीए, चार्जर, बिजली बैंक, वाई-फाई स्टीरियो, और अन्य जैसे तकनीकी गैजेट्स के निर्माण की जिम्मेदार यूनियन ने 2021-2022 मूल्य को बढ़ाया है। इस संबंध में, ICEA ने कहा कि इनको भी संशोधित किया जाना चाहिए ताकि घरेलू उत्पादक भारतीय वित्तीय प्रणाली और ओईएम का लाभ उठाने में सक्षम होने के लिए अत्यधिक माल का उत्पादन कर सकें। इसके अलावा, neighbourhood production को बेचने के लिए स्पेयर कंपोनेंट्स पर जीएसटी को कम करने की जरूरत है।
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