IBC 2019: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा बैकिंग सेक्टर को मजबूत किए बिना इकोनॉमी पटरी पर नहीं लौट सकती
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में दो दिनों से जारी इंडियन बैकिंग कॉन्क्लेव का मंगलवार को समापन हो गया। इस कॉन्क्लेव के अंतिम दिन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसमें शिरकत की और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार के ब्लूप्रिंट की एक झलक दी। इस कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सरकार की उन योजनाओं का जिक्र किया था जिनकी वजह से गरीबों को काफी फायदा हुआ है। सेंटर फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी रिसर्च (सीईपीआर) की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में दूसरे दिन भी विशेषज्ञों का जमावड़ा था। सीईपीआर एक थिंक टैंक है जो केंद्र सरकार को आर्थिक मामलों में सलाह देने का काम करता है।
आर्थिक विकास में बैकिंग का योगदान
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि जब तक देश के बैकिंग सेक्टर को मजबूत नहीं किया जाएगा तब तक देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं लौट सकती है। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक विकास में बैकिंग सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान है। न सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंक बल्कि नॉन बैकिंग सेक्टर ने भी अहम रोल अदा किया है। कई जगहों पर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों का बड़ा रोल है जहां पर दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत वाली संस्थाओं के तौर पर तब्दील हो गए हैं। बैंकिंग में हर सेक्टर के योगदान दुर्भाग्यवश यह एक सच्चाई है कि ग्रामीण इलाके पिछड़ रहे हैं। उनकी मानें तो गांवों में रोजगार, बैकिंग इस पूरी स्थिति को ध्यान में रखना होगा। भरोसा और विश्वसनीयता बैकिंग सिस्टम की सबसे बड़ी पूंजी है। सामाजिक और आर्थिक विकास दोनों ही महत्वपूर्ण है और इन दोनों को आगे बढ़ाने वाली व्यवस्था पर ध्यान देगा होगा। हमें यह भी ध्यान देना होगा कि जो कर्ज दिया है वह वापस आ जाए।
टेक्नोलॉजी की लें मदद
गडकरी के मुताबिक कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था सबसे अहम है और इसलिए इसका सही तरह से चलना बैकिंग सेक्टर की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। रूरल सेक्टर जो पिछड़े है उन पर ध्यान देना होगा।गडकरी के मुताबिक कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था सबसे अहम है और इसलिए इसका सही तरह से चलना बैकिंग सेक्टर की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। रूरल सेक्टर जो पिछड़े है उन पर ध्यान देना होगा। गडकरी ने यहां पर इस बात का जिक्र भी किया कि बहुत सी टेक्नोलॉजी हैं और देश में करोड़ों ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं और बैकिंग में भी हमें इसी दिशा में सोचने की जरूरत है। गडकरी ने डिजिटल डाटा बेस का भी जिक्र किया और कहा कि इस डाटा के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि किसका क्रेडिट कैसा है। इसके आधार पर लोगों की मदद कर सकते हैं और एक तय समयसीमा में कोई भी समस्या सुलझाई जा सकती है।