हाफिज़ सईद-यासीन मलिक के बीच ट्रेस हुई कॉल - भाग 2
श्रीनगर। हाफिज़ सईद-यासीन मलिक के बीच ट्रेस हुई कॉल - भाग 1 (Previous) में आपने पढ़ा कि सईद भारत में खलल डालने वाले युवाओं की सैलरी बढ़ाने की बात की है। आगे पढ़ें कॉल की डीटेल, जिसमें हाफिज़ ने अपनी योजनाओं के सिलसिले में यासीन मलिक से बात की।
यासीन- हां, भाईजान, कुछ बोल नहीं रहे, खैर आपका काम हो जायेगा। खैर आप आजकल हैं कहां?
हाफिज़- बस तुम्हारे पड़ोस में बैठा हूं (पाक अधीकृत कश्मीर)।
यासीन- तब तो बहुत अच्छा है, सारे संपर्क जल्दी और आसानी से हो जायेंगे।
हाफिज़- नहीं, सब कुछ इतना आसान नहीं होगा, इसके लिये तुम्हें युवाओं को कॉन्फीडेंस में लेना होगा।
यासीन- हां, यह तो है।
हाफिज़-
खैर
कुछ
भी
हो
इस
बार
भारतीय
जनता
पार्टी
को
सत्ता
में
आने
से
रोकना
होगा,
किसी
भी
कीमत
पर!
यह
तभी
हो
पायेगा,
जब
कम
से
कम
मतदान
होगा।
यासीन-
हां
लेकिन
कम
वोट
पड़ेंगे
कैसे,
हाल
के
चुनावों
में
तो
जबर्दस्त
वोटिंग
हुई
है।
हाफिज़-
नहीं,
हमें
सिर्फ
लोगों
के
बीच
खौफ़
फैलाना
होगा।
लोगों
को
अहसास
दिलाना
होगा
कि
अगर
वो
वोट
देंगे,
तो
उनकी
जिंदगी
खतरे
में
पढ़
जायेगी।
यासीन-
ठीक
है
हाफिज़- और हां युवाओं को यह विश्वास दिलाओ कि भारत सरकार उनके लिये कुछ नहीं करने वाली है। और न ही कुछ कर सकती है। यहां पर सिर्फ भारतीय सेना का राज़ चलेगा और वो कश्मीरियों के खिलाफ होगा। सिर्फ पाकिस्तान ही है, जो उनके दर्द को समझ सकता है, भारत नहीं। युवाओं के लिये यह जरूरी है कि वो वोट नहीं करें। यहां लोकतंत्र नहीं आना चाहिये।
यासीन-
भाईजान
यूथ
भी
तो
वोट
नहीं
देने
के
बदले
में
कुछ
चाहेगा
हाफिज़-
आप
अपने
सारे
संसाधनों
को
खोल
दीजिये,
उनसे
बोल
दीजिये
कि
वोट
नहीं
देने
पर
उन्हें
बड़ा
रिवॉर्ड
दिया
जायेगा।
हमें
किसी
भी
तरह
चुनाव
नहीं
होने
देने
हैं।
यासीन-
ठीक
है,
मैं
अपना
काम
करता
हूं,
आप
अपना
काम
करिये।
हाफिज़-
चिंता
मत
करो,
हमारे
आदमी
तैयार
हैं।
भले
ही
घुसपैठ
अब
आसान
नहीं
रही
है,
लेकिन
फिर
भी
हम
300
आदमियों
को
कश्मीर
भेजने
के
प्रयास
करेंगे,
जो
तुम्हारा
सपोर्ट
करेंगे।