तुकाराम मुंढे: वो IAS अफसर, जिसे सच बोलने पर 15 साल की नौकरी में मिले 15 तबादले
नागपुर।
अपनी
कार्य
प्रणाली
को
लेकर
अक्सर
चर्चा
में
रहने
वाले
नागपुर
महानगर
पालिका
के
आयुक्त
तुकाराम
मुंढे
का
एकबार
फिर
से
तबादला
कर
दिया
गया
है।
नागपुर
मनपा
के
नए
आयुक्त
साल
2008
बैच
के
आईएएस
अफसर
राधाकृष्णन
बी
होंगे।
मुंढे
को
मुंबई
में
महाराष्ट्र
जीवन
प्राधिकरण
के
सदस्य
सचिव
पद
पर
भेजा
गया
है।
'तबादलों
के
सुल्तान'
कहे
जाने
वाले
तुकाराम
का
15
साल
के
कैरियर
में
15
बार
ट्रांसफर
हो
चुका
है।
तुकाराम
मुंढे
का
फडणवीस
सरकार
के
कार्यकाल
में
अलग-अलग
कारणों
से
कई
बार
तबादला
किया
गया
था।
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15 साल की नौकरी में 15 ट्रांसफर
तुकाराम मुंढे को एक साफ सुथरी छवि का अधिकरी माना जाता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है कि इस अधिकारी के 15 साल की सेवा के दौरान 15 बार ट्रांसफर का सामना करना पड़ा है। उनका विवादों से गहरा नाता रहा है। अक्सर नेताओं के साथ इनका टकराव होता रहा है। पिछली भाजपा सरकार के दौरान स्थानीय नेताओं के दबाव के चलते नासिक मनपा के आयुक्त से पद से उनका तबादला मुंबई के लिए कर दिया गया था।
मंत्रियों के दवाब में फिर हुआ ट्रांसफर
उद्धव सरकार ने बुधवार को अपने ही मंत्रियों सहित विभिन्न अधिकारियों के दबाव के कारण मुंढे का तबादला कर दिया। कुछ दिन पहले ट्विटर पर मुंढे ने कहा था कि उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। मैं आइसोलेशन में हूं। तुकाराम मुंढे को मुंबई में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण में सदस्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। उनकी जगह राधाकृष्णन बी नागपुर में नागपुर महानगर पालिका के आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा दर्जनभर अधिकारियों के तबादले किए गए हैं।
गरीब किसान के बेटे से लेकर आईएएस तक का सफर आसान ना था
महाराष्ट्र के बीड जिले में एक छोटा सा गांव के एक किसान परिवार में तुकाराम मुंढे का जन्म हुआ था। तुकाराम और उनके बड़े भाई ने गांव के ही स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई के लिए बड़ा भाई बाहर चला गया। तुकाराम के बड़े भाई गांव के पहले स्नातक तथा आगे चल कर पहले सिविल सर्वेंट बने। आगे पढ़ने और बढ़ने के लिए तुकाराम के लिए ये वजह काफी थी। भाई जब शहर पढ़ने चला गया तो तुकाराम अपने पिता के साथ खेतों में काम करवाते और पढ़ाई भी करते। कड़ी मेहनत औऱ लगन ने तुकाराम को इस मुकाम तक पहुंचाया।
नियुक्ति मिले ही तुकाराम का 'ऑन फायर' अंदाज देखने को मिला
1996 में तुकाराम ने औरंगाबाद आर्ट एंड साइंस कॉलेज से हिस्ट्री पॉलिटिकल साइंस तथा सोसिओलॉजी विषयों में स्नातक की पढ़ाई पूरी की इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। तीन बार प्रयास करने के बाद जाकर उन्हें अपनी मंजिल मिली। 2001 में परीक्षा पास करने के उन्हें 2004 में ज्वाइनिंग लेटर मिला। 2005 में शोलापुर में असिसटेंट कलेक्टर के पोस्ट पर नियुक्त किये गये। नियुक्ति मिले ही तुकाराम का 'ऑन फायर' अंदाज देखने को मिला। उन्होंने शोलापुर में अवैध शराब के करोबार पर कड़ा शिंकजा कसा। जिसकी उन्हें कीमत ट्रांसफर के तौर पर चुकानी पड़ी।
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