1 हजार करोड़ का विमान क्रैश और रक्षामंत्री अब तक सो रहे हैं
बेंगलूर। शुक्रवार को आगरा एयरबेस से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के भीतर ग्वालियर से 75 मील की दूरी पर करौली गांव में इंडियन एयरफोर्स का लॉकहीड मार्टिन हरक्यूलिस सी-130जे एयरलिफ्टर विमान क्रैश हो गया। इस हादसे में एयरफोर्स के पांच पर्सनल विंग कमांडर पी जोशी, राजी नायर, स्क्वाड्रन लीडर के मिश्रा, स्क्वाड्रन लीडर ए यादव और वारंट ऑफिसर कृष्ण पाल सिंह को अपनी जान गंवानी पड़ गई। 24 घंटे बीत जाने के बाद भी लोग इंतजार कर रहे हैं कि देश के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने अभी तक इस पर कुछ कहा क्यों नहीं।
वह एक प्रेस कांफ्रेंस में चार दिन पुरानी रैली में कही गई कुछ बातों की आलोचना तो करते हैं लेकिन 1,000 करोड़ के इस एयरक्राफ्ट के क्रैश होने और पांच बहादुरों की असमय मौत पर कुछ नहीं कहते। पहली बार नहीं है जब सेना और इससे जुड़े सुरक्षा के मुद्दे पर एंटनी इस तरह से घिरे हों।
आईएनएस सिंधुरत्न और आइएनएस सिंधुरक्षक के हादसे के बाद भी ईमानदारी छवि वाले एंटनी पर उंगलियां उठाई गई थी और उन पर इस्तीफा तक देने का दबाव डाला गया था। आपको बता दें कि अमेरिका के साथ हुई एक डील में भारत को अब तक छह हरक्यूलिस सी-130 जे विमान हासिल हुए हैं और एक एयरक्राफ्ट की कीमत 1,000 करोड़ रुपए है।
इस हादसे में अभी तक इस बात का पता नहीं लग सका है कि आखिर यह हादसा हुआ कैसे। वहीं अनुभवी पायलटों का मानना है कि यह हादसा उन्हें हैरान कर देता है। उनके मुताबिक हादसे की दो वजहें हो सकती हैं एक तो इसे उड़ाने वाले पायलट अक्षमतावान थे या फिर एयरक्राफ्ट में आग लग गई हो। विमान शहरी इलाके में न गिरे और स्थानीय लोगों पर कोई खतरा न आए, इसके लिए पायलटों ने विमान का रुख चंबल नदी की ओर कर दिया था।
युद्ध के समय सी-130 कमांडोज को रात में वॉरफील्ड में ड्रॉप करता है और साल 2013 में इसने चीन की सीमा पर स्थित लद्दाख के दौलत ओल्डी बेग सेक्टर में लैंडिंग के साथ ही अपनी क्षमताओं को भी साबित किया है। एके एंटनी का रवैए से साफ जाहिर की कि सरकार और कांग्रेस सेना, सैनिकों और सुरक्षा के मुद्दे पर कितनी गंभीर है। कांग्रेस का घोषणा पत्र भी इस बात को साबित करने के लिए काफी है जिसमें देश की सुरक्षा, आतंरिक सुरक्षा और विदेश नीति जैसे मुद्दे सबसे अंत में जगह पाते हैं।
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ताकि बची रहे लोगों की जान
पायलटों ने सी-130जे का रुख मोड़ दिया था। अगर यह विमान शहरी इलाके में गिरता सैंकड़ों लोगों की जानें जातीं।
हरक्यूलिस सी-130जे के बहादुर पायलट
विंग कमांडर पी जोशी, राजी नायर, स्क्वाड्रन लीडर के मिश्रा, स्क्वाड्रन लीडर ए यादव और वारंट ऑफिसर कृष्ण पाल सिंह को समय से पहले ही अपनी जान इस हादसे में गंवानी पड़ गई।
हरक्यूलिस सी-130जे हादसे पर एंटोनी चुप
हाल ही में जब आईएनएस सिंधुरत्न हादसा हुआ तो नेवी चीफ डीके जोशी ने अपना इस्तीफा सौंपा लेकिन एंटोनी ने न तो कुछ कहा और न ही इस्तीफा दिया। एक बार फिर हरक्यूलिस सी-130जे के हादसे के बाद एंटाेनी चुप हैं और उनकी चुप्पी न सिर्फ हादसे में मारे गए परिजनों को साल रही है बल्कि पूरे देशवासियों के लिए हैरानी का विषय बन गई है।
मारे गए लोगों की पहचान मुश्किल
यह हादसा इतना भयानक था कि पांच क्रू मेंबर्स मेें से कुछ की पहचान तक मुश्किल हो रही थी।
हादसे के बाद हरक्यूलिस सी-130 जे
क्रैश होते समय यह एयरक्राफ्ट एक आग के गोले में तब्दील हो गया था और क्रैश होने के बाद इस एयरक्राफ्ट का मलबा जगह-जगह बिखर गया था।
गांव वाले हादसे से डरे
हरक्यूलिस सी-130जे हादसे के समय जहां करौली और इसके आसपास के गांवों में रहने वाले लोग डर गए तो वहीं हादसे के बाद गांववाले दुर्घटनास्थल पर पहुंचकर मलबा चुराने की कोशिशों में लग गए। सही समय पर पुलिस और एयरफोर्स अधिकारियों ने पहुंचकर उन्हें ऐसा करने से रोका।
जिया उल हक की हो गई थी मौत
17 अगस्त 1988 को पाक एयरफोर्स के सी-130 जे विमान के क्रैश होने की वजह से पाक तानाशाह जनरल जिया-उल-हक और अमेरिकी एंबेसडर अर्नाल्ड लुईस राफेल की मौत हो गई थी।