JK:चॉपर क्रैश में शहीद सभी 6 IAF जवानों को वीरता पुरस्कार देने की सिफारिश
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (IAF) ने अपने उन छह कर्मियों के लिए वीरता पदक की सिफारिश की है, जो 27 फरवरी को श्रीनगर में गलती से भारतीय मिसाइल का निशाना बन गए थे। दरअसल भारतीय वायुसेना द्वारा पीओके में अंजाम दिए गए सर्जिकल स्ट्राइक के अगले दिन एक चॉपर क्रैश में 6 वायुसेना के जवान शहीद हो गए थे। इस घटना में स्क्वॉड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ, स्क्वॉड्रन लीडर निनाद मांडवगने, कुमार पांडे, सार्जन्ट विक्रांत सहरावत, सिपाही दीपक पांडे और पंकज कुमार शहीद हो गए थे।

27 फरवरी को श्रीनगर में आपसी गलतफहमी के चलते मिसाइल हमले से क्रेश हुए एमआई-17 वीएस हेलिकॉप्टर को स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ उड़ा रहे थे उनके साथ दूसरे पायलट थे निनाद मांडवगने। इसके अलावा क्रू मेंबर में कुमार पांडे, सार्जेंट विक्रांत सहरावत, कॉरपोरल दीपक पांडे और पंकज कुमार भी हेलिकॉप्टर में सवार थे। वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक दोनों पायलटों को वीरता के लिए वायुसेना पदक से सम्मानित करने की सिफारिश की गई है, जबकि हेलिकॉप्टर के अन्य चार चालक दल को प्रेषण में उल्लेख के लिए सिफारिश की गई है।
सभी को वॉरटाइम गैलंट्री मेडल से सम्मानित करने की सिफारिश की गई है क्योंकि वे उस दौरान उन्हें दिए गए ऑपरेशनल टास्क को पूरा करने में लगे थे। बता दें कि इस हेलिकॉप्टर को वायुसेना अधिकारियों ने दुश्मन का हेलिकॉप्टर समझकर मिसाइल से गिरा दिया था। इसपर जांच भी बिठाई गई थी। इसके बाद वायु सेना ने दो अधिकारियों का कोर्ट मार्शल किया गया। वहीं चार अधिकारियों के ऊपर प्रशासनिक कार्रवाई की गई है।
जांच में पता चला था कि हेलिकॉप्टर को भारतीय वायुसेना के श्रीनगर एयर बेस से स्पाइडर एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के जरिए निशाना बनाया गया था। सिस्टम को हैंडल करने वाले वायुसेना अधिकारियों को लगा कि वह अपना हेलिकॉप्टर नहीं, बल्कि दुश्मन की तरफ से छोड़ी गई मिसाइल है। हेलिकॉप्टर ने 10 मिनट पहले ही उड़ान भरी थी।
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