कारगिल के हीरो नचिकेता ने कहा, अभिनंदन के वापस आने पर ही पता चलेगा पाक ने कैसा सलूक किया
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नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन इस समय पाकिस्तान के कब्जे में हैं। वह शुक्रवार दोपहर तक भारत की जमीन पर वापस लौटने वाले हैं। पाकिस्तान ने उन्हें उस समय बंदी बना लिया था जब उनका विमान पाकिस्तान के विमान का पीछा करते हुए क्रैश हो गया था। इसके बाद देश के सामने वही दृश्य एक बार फिर से घूम गया जब कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तान ने एक अन्य पायलट नचिकेता को बंदी बना लिया था। कारगिल में सैन्य कार्रवाई के दौरान 27 मई 1999 को वायुसेना की 9वीं स्क्वाड्रन के फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता मिग एयरक्राफ्ट उड़ा रहे थे। उन्हें आदेश दिया गया था कि नियंत्रण रेखा पार नहीं करना है। नचिकेता 17 हजार फीट की ऊंचाई पर बटालिक इलाके में मिग से दुश्मनों पर भारी बमबारी कर रहे थे। तभी उनके फाइटर जेट का इंजन फेल हो गया और वह पैराशूट से बाहर आ गए, लेकिन पाकिस्तान ने उन्हें कब्जे में लिया। हालांकि नचिकेता को आठ दिन में ही रिहाई मिल गई थी।
अभिनंदन के पकड़े जाने की खबर की खबर ने उन्हें परेशान कर दिया था
एक टीवी चैनल से बात करते हुए नचिकेता ने कहा कि, अभिनंदन के पकड़े जाने की खबर की खबर ने उन्हें परेशान कर दिया था। हालांकि, उसी समय हम में हर एक को सेना हर परिस्थिति को झेलने के अनकूल बनाती है। उन्होंने कहा कि, मैं उनके भारत आने को लेकर अश्वस्त था। अभिनंदन भारत वापस आकर जल्द ही अपनी यूनिट ज्वॉइन करेंगे। उन्होंने अपनी स्थिति और अभिनंदन के बीच स्थिति के बारे बात करते हुए कहा कि, कारगिल युद्ध था, जबकि यह एक ऐसा मामला था जहां हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर आतंकवाद-रोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए की गई हवाई कार्रवाई थी।
अब की स्थिति कारगिल से अलग हैं
नचिकेता के अनुसार, भारत और पाकिस्तान दोनों की भू-राजनीतिक स्थिति की शिफ्टिंग सैंड का भी परिणाम पर असर पड़ता है। गुरुवार को, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने घोषणा की थी कि अभिनंदन को शांति की पहल के तहत भारत लौटाया जाएगा। इस बीच उनका एक वीडियो आया था जिसमें अभिनंदन चाय पीते दिख रहे थे। जब नचिकेता से पूछा गया कि, क्या पाकिस्तान ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया होगा?
वह बहुत बहादुर हैं, हमें उन पर गर्व है
इस पर बोलते हुए नचिकेता ने कहा कि, अभिनंदन को युद्ध की स्थिति में युद्धबंदी बनाया गया है, जब वह ड्यूटी पर थे। जिनेवा कंवेंशन के अनुसार, जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों हस्ताक्षरकर्ता हैं, उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए और उन्हें स्वस्थ स्थिति में वापस भेजा जाना चाहिए। हालांकि यह उनके वापस आने के बाद ही पता चल सकेगा कि उनके साथ पाकिस्तान ने कैसा व्यवहार किया था। निचकेता ने अभिनंदन की प्रशंसा करते हुए कहा कि, वह बहुत बहादुर हैं, हमें उन पर गर्व है।
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