71 में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाली IAF की यह स्क्वाड्रन फिर से जिंदा, इस हीरो की मौजूदगी में जेट्स ने भरी उड़ान
सुलूर। पिछले दिनों तमिलनाडु के सुलूर में इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के लाइट कॉम्बेट जेट तेजस के साथ यहां पर एक फाइटर बेस को ऑपरेशनल कर दिया है। तेजस के साथ यहां पर आईएएफ ने अपनी नंबर 18 स्क्वाड्रन को भी ऑपरेशनलाइज कर दिया है जिसने 1971 की जंग में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था। इस मौके पर कुछ खास लोगों को आमंत्रित किया गया था जिसमें से एक थे एयरमार्शल टीडी जोसेफ।
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कौन हैं एयर मार्शल टीडी जोसेफ
आईएएफ की नंबर 18 स्क्वाड्रन को फ्लाइंग बुलेट्स के नाम से भी जानते हैं। तेजस को टेक ऑफ करते हुए एयर मार्शल टीडी जोसेफ ने भी देखा। एयर मार्शल जोसेफ इस समय बेंगलुरु में ट्रेनिंग कमांड के मुखिया हैं। एयर मार्शल टीडी जोसेफ साल 2001 और 2002 में ऑपरेशन पराक्रम के समय फॉरवर्ड पोस्ट्स का जिम्मा संभाल रहे थे। ऑपरेशन पराक्रम साल 2001 में संसद पर आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था और करीब एक साल तक जारी रखा गया था। इसके तहत सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान को एलओसी पर मुंहतोड़ जवाब दिया था।
65 में शुरू स्क्वाड्रन से थर्र-थर्र कांपा पाक
18 स्क्वाड्रन को चौथी पीढ़ी के तेजस जेट से लैस किया गया है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने इस मौके पर तेजस में उड़ान भरी थी। नंबर 18 स्क्वाड्रन अब तेजस को दूसरा घर है। तेजस के नाम पर पहले ही सुलूर में 45 स्क्वाड्रन है। 18 नंबर स्क्वाड्रन की शुरुआत मिग-27 फाइटर जेट के साथ सन् 1965 में हुई थी। इसका ध्येय वाक्स है 'तीव्र और निर्भय।' इस स्क्वाड्रन ने सन् 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ हुई जंग में सक्रियता से हिस्सा से लिया था। एक अप्रैल को इस स्क्वाड्रन को सुलूर में तेजस के साथ फिर से जिंदा किया गया है।