लद्दाख में LAC पर गश्त लगा रहे IAF के फाइटर जेट्स सुखोई और मिराज, रक्षा मंत्री का इशारा-6 जून तक निकल सकता है हल
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। जहां सेना ने एक तरफ मोर्चा संभाला हुआ है तो वहीं इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) भी एक्शन में आ गई है। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी पर अगर यकीन करें तो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर आईएएफ के एडवांस्ड जेट सुखोई और मिराज लगातार उड़ान भर रहे हैं। सेना की तरफ से भी इलाके में जवानों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
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लद्दाख में IAF के दो बेस
भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि जब तक एलएसी पर यथास्थिति बहाल नहीं होती है, तब तक सेना पीछे नहीं हटेगी। आईएएफ के दो मेन बेस लद्दाख में हैं जिसमें एक लेह और एक थ्यॉइस में है। यहां पर फाइटर जेट्स स्थायी तौर पर तैनात नहीं हैं मगर साल भर यहां से फाइटर स्क्वाड्रन अपना संचालन करती हैं। आईएएफ की तरफ से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पूर्वी लद्दाख से बस 30 से 35 किलोमीटर दूर चीनी जेट्स लगातार उड़ान भर रहे हैं। भारत की तरफ से कहा गया है कि क्योंकि जेट्स अपनी सीमा में हैं और उनसे फिलहाल कोई खतरा नहीं है। इसके बावजूद भारत कोई चांस नहीं लेना चाहता है।
चीन की हर हिमाकत का दिया जाएगा जवाब
चीन के 10 से 12 फाइटर जेट्स को होतान और गारगुनसा एयरफोर्स बेस में हैं। ये इलाके पूर्वी लद्दाख के काफी करीब हैं। सूत्रों की ओर दी गई जानकारी पर अगर यकीन करें तो दोनों एयरबेसेज पर 10 से लेकर 12 की संख्या में जे-7 और जे-11 फाइटर जेट्स मौजूद हैं। हालांकि बॉर्डर से इन्होंने दूरी बनाकर रखी है और कोई खतरा नहीं है लेकिन फिर भी कोई चांस नहीं लिया जा रहा है। भारत-चीन सीमा पर इस समय आईएएफ ने सर्विलांस को बढ़ा दिया है। इलाके में चीनी एयरफोर्स की गतिविधियां काफी तेज हो गई है।
रक्षा मंत्री ने स्वीकारी चीनी घुसपैठ की बात
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर ली है कि चीनी सैनिक, भारत की सीमा में मौजूद हैं। सीनएनएन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘हमें जो जानकारी मिली है उसके अनुसार, चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से दूर अभ्यास करती थी। लेकिन अब सैनिक एलएसी के करीब आ गए हैं। मुझे इस बारे में भी जानकारी मिली कि चीन के सैनिक एलएसी से 10-12 किलोमीटर दूर हैं। कुछ क्षेत्रों में उनकी पेट्रोलिंग पार्टी आ गई थी, जिसमें गलवान घाटी भी शामिल है। ' उन्होंने यह भी कहा कि नी सैनिकों ने कुछ ऐसे इलाकों में टेंट भी लगा लिए थे, जहां पहले उनकी मौजूदगी नहीं थी।
6 जून को मिलिट्री लीडर्स की मीटिंग
रक्षा मंत्री ने कहा है कि छह जून को भारत और चीन के सीनियर मिलिट्री लीडर्स की मुलाकात होनी है। इस मीटिंग में इस विवाद का हल निकलने की उम्मीद राजनाथ सिंह ने जताई है। रक्षा मंत्री के मुताबिक भारत अपनी स्थिति से पीछे नहीं हटने वाला है। जब उनसे पूर्वी लद्दाख में वर्तमान हालातों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि एलएसी को लेकर चीन और भारत में मतभेद है। इसी मतभेद के चलते चीनी जवान सीमा में दाखिल हो गए। उनकी मानें तो भारत को जो कदम उठाना चाहिए था, उसने उठाया।