कश्मीर पर UN की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार को मिला कांग्रेस का साथ
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की कश्मीर के मौजूदा हालात पर जारी की गई रिपोर्ट का विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उसे खारिज कर दिया है। यूएन ने कश्मीर के हालात और कथित मानव अधिकारों के उल्लंघन पर पहली बार अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसे भारत ने भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है यह देश की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है।
वहीं इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि इस रिपोर्ट को कूड़ेदान में फेंक दो। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मैं उस रिपोर्ट को कूड़ेदान में फेंक देता। उन्होंने इस रिपोर्ट को पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताया है। स्वामी ने कहा कि इस रिपोर्ट को ऐसे लोगों ने तैयार किया है जिन्हें इस मुद्दे की जानकारी ही नहीं। उन्होंने कहा कि हम इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करना नहीं चाहते।
वहीं यूएन द्वारा कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के रिपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह मसला 1994 के रिजॉल्यूशन के साथ समाप्त होता है, जिसे सभी राजनीतिक दलों द्वारा समर्थन दिया गया था। यदि भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के संबंध में कोई बकाया मुद्दा है, तो केवल यही है कि हमें पीओके को कैसे हासिल करना है।
कश्मीर पर यूएन की इस रिपोर्ट पर केंद्र सरकार को कांग्रेस का बी साथ मिला है। कांग्रेस ने भी इस रिपोर्ट की निंदा की है। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि इस रिपोर्ट के खिलाफ हम सरकार के साथ है। सरकार इस रिपोर्ट के खिलाफ एक्शन लें हम उसके समर्थन में है।