अमरिंदर सिंह को मनोहरलाल खट्टर का जवाब, कोरोना से लोगों पर प्रभाव पड़ा तो जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि विधेयकों के विरोध में किसान सड़कों पर उतरे हुए हैं। 'दिल्ली चलो' आंदोलन के तहत पंजाब से बड़ी संख्या में किसानों ने हरियाणा होते हुए राजधानी दिल्ली की ओर कूच किया था, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की। किसानों के ऊपर पानी की बैछारें करवाई गईं, तो कहीं उनपर आंसू गैस के गोले तक छोड़े गए। मामले पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच बयानबाजी भी शुरू हो गई है।
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अमरिंद सिंह पर तंज कसते हुए मनोहरलाल खट्टर ने कहा है, 'जैसी भाषा वो (अमरिंदर सिंह) बोल रहे हैं, वह सीएम पर शोभा नहीं देती। हमने तय किया था कि कोरोना के कारण सभाओं की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुझे आश्चर्य है कि पंजाब सरकार ने इस दौरान विरोध प्रदर्शन की अनुमति क्यों दी। कल को अगर कोरोना की वजह से लोगों पर प्रभाव पड़ा तो इसकी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी। पानी की बौछार मारने और आंसू गैस छोड़ने को मैं फोर्स नहीं मानता हूं, ये लोगों को रोकने के लिए अवरोधक के रूप में काम आते हैं।'
इससे पहले अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह खट्टर से तब तक बात नहीं करेंगे, जब तक वो किसानों पर हुई क्रूरता के लिए मांफी नहीं मांगेंगे। पंजाब सीएम ने कहा था कि खट्टर इस बात को लेकर झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने मुझे फोन किया था और मैंने बात नहीं की। लेकिन जैसा व्यवहार उन्होंने मेरे किसानों के साथ किया है, उसके लिए मैं उनसे बात नहीं करूंगा, फिर चाहे वो दस बार ही फोन क्यों ना कर लें। वहीं अमरिंदर सिंह के इस बयान से पहले मनोहरलाल खट्टर ने कहा था कि उन्होंने अमरिंदर सिंह से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन अमरिंदर सिंह की तरफ से कोई प्रतिक्रिय नहीं आई।