घुट-घुट कर क्यों चल रही है कर्नाटक सरकार? कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन पर कुमारस्वामी का दर्द-ए-बयां
नई दिल्ली- कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बहुत ही कठिन दौर से गुजर रही है। इस बात को खुद राज्य के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने स्वीकार किया है। अलबत्ता, वह ये बताने से कन्नी काट रहे हैं कि उनकी सरकार की तकलीफ की असल वजह क्या है? हालांकि, कांग्रेस अभी भी दावा कर रही है कि उनके गठबंधन में सबकुछ ठीक है और जो भी दिक्कत है, वह विपक्षी बीजेपी की वजह से हो रही है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि सीएम कुमारस्वामी जिस दर्द का दुखरा सुना रहे हैं, उसे बयां करने में उन्हें परेशानी क्यों हो रही है?
गठबंधन सरकार चलाने का दर्द
कर्नाटक में पिछले साल के विधानसभा चुनाव के बाद जबसे सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस और जेडीएस ने मिलजुल कर सरकार बनाई है, वह अंदर ही अंदर विरोधाभासों से भरी पड़ी है। इस साल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस की जो भद्द पिटी है, उससे गठबंधन की दरार नहीं पाटने जितनी चौड़ी हो चुकी है। जाहिर है कि ऐसे गठबंधन के मुखिया होने का दर्द क्या होता है, वह इस समय मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से बेहतर कौन समझ सकता है। शायद इसलिए उन्होंने कहा है, "मैं आपको दर्द बयां नहीं कर सकता। बाहर से मैं मुख्यमंत्री हूं। लेकिन, हर दिन मैं दर्द से गुजर रहा हूं, लेकिन अगर मैं आपको यह बता दूं, तो लोगों की परेशानियां कौन दूर करेगा?" कुमारस्वामी का दावा है कि उनपर राज्य की जिम्मेदारी है, इसलिए वह अपने दर्द के कारणों का खुलासा नहीं कर सकते। उनका कहना है कि, "सरकार अच्छे से चलनी चाहिए। मुझे अफसरों में भरोसा कायम करना है कि सरकार सुरक्षित है। मेरे ऊपर ये जिम्मेदारियां हैं।"
सरकार गिरने के डर से दर्द का कारण नहीं बता रहे सीएम?
जेडीएस नेता यहां तक कहते हैं कि वह मीडिया के सामने अपनी तकलीफ जाहिर करना चाहते हैं, लेकिन जनता से किए वादों को पूरा करने के लिए वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। जाहिर है कि कुमारस्वामी को आशंका है कि अगर वह गठबंधन के विवादों को उगल देंगे, तो उनकी सरकार पर तत्काल संकट छा सकता है। मजे की बात है कि सीएम बार-बार गठबंधन सरकार चलाने के दर्द की पीड़ा बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस कह रही है कि राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है। उल्टे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्य के पूर्व सीएम सिद्दारमैया सारी दिक्कतों का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ रहे हैं कि वो उनकी सरकार को अस्थिर करना चाहती है।
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बीजेपी पर ठीकरा फोड़ने से लगेगा दर्द पर मरहम?
कुमारस्वामी ने गठबंधन सरकार चलाने में जिस दर्द की बात कही है, उससे साफ जाहिर है कि उनकी तकलीफ अपने गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस से है। इसलिए, वह दर्द का कारण अपनी मुंह से नहीं बता पा रहे हैं। शायद उन्हें लगता है कि गठबंधन में आई दरार को पाटने के लिए अगर बीजेपी पर निशाना साधा जाय तो वह फिलहाल मरहम का काम कर सकता है। दरअसल, कुमारस्वामी ने भी अब आरोप लगाया है कि बीजेपी फिर से उनकी सरकार गिराने की कवायद में जुट गई है। उन्होंने यहां तक दावा किया है कि उनके एक विधायक को रिश्वत देने की भी कोशिश की गई है। सीएम के मुताबिक जेडीएस विधायक से संपर्क करने वाले बीजेपी के "उस नेता ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस के 9 विधायक पहले ही दस्तखत कर चुके हैं। नेता ने कहा कि यदि वह (विधायक) सहमत होते हैं, तो उनके ठिकाने पर 10 करोड़ रुपये पहुंचा दिए जाएंगे।" सीएम के मुताबिक, "ये लगातार जारी है। सरकार गिराने के लिए उन्होंने (भाजपा) धन तैयार रखा है।" हालांकि, सीएम के इस दावे पर इसलिए सवाल खड़े किए जा सकते हैं, क्योंकि उन्होंने न ही अपने विधायक का और न ही उस कथित बीजेपी नेता के ही नाम का जिक्र किया है। वैसे बीजेपी ने मुख्यमंत्री के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
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