सपा-बसपा के गठजोड़ से राज्यसभा जाने पर क्या बोले मायावती के भाई आनंद कुमार
आपको बता दें कि देश में राज्यसभा की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होना है। इसमें सबसे ज्यादा 10 सीटों के लिए उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं।
नई दिल्ली। सपा-बसपा के गठजोड़ के जरिए खुद को राज्यसभा भेजे जाने की खबर को बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार ने ही खारिज कर दिया है। बसपा चीफ मायावती के भाई आनंद कुमार ने कहा कि कुछ लोग टीआरपी के चक्कर में ऐसी झूठी अफवाह फैला रहे हैं। मैं टिकट के दावेदारों में नहीं हूं। आनंद कुमार ने साफ कर दिया है कि यूपी में समाजवादी पार्टी के सहयोग से वह राज्यसभा के लिए नामांकित नहीं हो रहे हैं। इससे पहले खबर आई थी कि मायावती अपने भाई और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार को राज्यसभा भेज सकती हैं।
'कुछ लोग अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए यह सब बातें उछालते हैं'
आनंद ने कहा, 'सभी कयास झूठे हैं। कुछ लोग अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए यह सब बातें उछालते हैं।' पिछले साल 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के दौरान एक रैली में आनंद कुमार को बीएसपी उपाध्यक्ष चुनते हुए मायावती ने घोषणा की थी कि उनके भाई अब उनकी अनुपस्थिति में पार्टी का कार्यभार संभालेंगे और सासंद, विधायक या मंत्रीपद नहीं स्वीकार करेंगे। आनंद ने एक बार फिर इसी बात को दोहराया है।
बीजेपी के 8 उम्मीदवारों की जीत तय
आपको बता दें कि देश में राज्यसभा की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होना है। इसमें सबसे ज्यादा 10 सीटों के लिए उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं। जिसमें से बीजेपी के 8 उम्मीदवारों की जीत तय है। एक सीट सपा के खाते में जाएगी और आखिरी सीट के लिए बसपा ने सपा से समर्थन मांगा है। बदले में मायावती ने 2 सीटों पर होने वाले लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशियों को समर्थन का ऐलान किया है।
मायावती का पूरा ऑफर जानिए
यही नहीं मायावती ने कहा कि अगर कांग्रेस मध्यप्रदेश में राज्य सभा चुनाव में समर्थन चाहती है तो उसे यूपी में बसपा को सपोर्ट करना पड़ेगा। बताते चले कि 8 उम्मीदवारों को राज्य सभा भेजने के लिए बीजेपी के पास 21 विधायक बचते हैं। जबकि एक प्रत्याशी की जीत के बाद सपा के पास 9 विधायक बचेंगे। बसपा के 19 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 7 विधायक हैं। 10वीं सीट के लिए 37 विधायकों की जरुरत है। ऐसे में अगर सपा के बचे विधायक और कांग्रेस के विधायक बसपा प्रत्याशी को सपोर्ट करते हैं तो उनकी संख्या 35 पहुंच जाएगी। 2 निर्दलीय और एक रालोद विधायक के सपोर्ट से बसपा अपने एक प्रत्याशी को राज्य सभा भेज सकती है।
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