NEET-JEE Main 2020: छात्रों की तुलना 'द्रौपदी' से करने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने किया PM आवास पर फोन, जानिए क्या मिला जवाब?
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार सिंतबर में JEE और NEET परीक्षा करवाने जा रही है, जिसको लेकर विरोध बढ़ता ही जा रहा है, जिसमें राजनीतिक दलों के अलावा बहुत सारे छात्र भी शामिल हैं, तो वहीं भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का भी यही मानना है कि महामारी के इस दौर मैं एग्जाम नहीं होना चाहिए, वो लगातार मोदी सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वो परीक्षा फिलहाल ना कराएं।
सुब्रमण्यम स्वामी ने किया PM को फोन लेकिन...
सोमवार को भी उन्होंने ट्वीट करके बताया है कि 'मैंने आज सुबह NEET / JEE परीक्षा स्थगित करने के लिए आखिरी बार प्रयास करने के लिए पीएम आवास पर फोन किया। कार्यालय सचिव ने कहा कि वे कॉल बैक करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो मैं छात्रों को सूचित करूंगा।मालूम हो कि एक दिन पहले ही स्वामी ने कहा था कि उन्होंने शिक्षा मंत्री से कहा है कि दिवाली के बाद NEET, JEE Mains 2020 जैसी अन्य परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए।
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सुब्रमण्यम स्वामी ने छात्रों की तुलना 'द्रौपदी' से की
यही नहीं इससे पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने छात्रों की तुलना 'द्रौपदी' और मुख्यमंत्रियों की तुलना 'कृष्ण' से की थी और खुद को विदुर भी बताया था। स्वामी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा कि आज नीट और जेईई परीक्षा के मामले में, क्या छात्रों को 'द्रौपदी' जैसे अपमानित किया जा रहा है? सीएम 'कृष्ण' की भूमिका निभा सकते हैं। एक छात्र के रूप में और फिर 60 सालों तक प्रोफेसर के तौर पर मेरे अनुभव बताते हैं कि कुछ गलत होने वाला है, मुझे 'विदुर' जैसा महसूस होता है।
...ये नसबंदी जैसी बड़ी गलती होगी: स्वामी
जबकि इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि अगर हमारी मोदी सरकार अभी जेईई/नीट परीक्षाओं का आयोजन करती है तो ये 1976 में हुई नसबंदी जैसी बड़ी गलती होगी। जिसके कारण इंदिरा सरकार का 1977 में पतन हुआ था। भारतीय मतदाता चुपचाप सह सकते हैं लेकिन उनकी यादें लंबी होती हैं।
150 से अधिक शिक्षाविदों ने PM मोदी को लिखा खत
जहां परीक्षा को लेकर एक तरफ विरोध तेज हैं वहीं दूसरी ओर भारत और विदेशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 150 से अधिक शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई (मुख्य) और नीट में यदि और देरी हुई तो छात्रों का भविष्य इससे प्रभावित होगा, जो कि सही नहीं है। इन शिक्षाविदों ने अपने पत्र में कहा कि कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं, ये लोग सिर्फ अपने मतलब के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
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