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Ramayan: महाभारत के भीष्म को पसंद नहीं थी रामानंद सागर की 'रामायण' लेकिन आज मानी गलती

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नई दिल्ली। कोरोना की वजह से 21 दिनों का लॉकडाउन के दौरान डीडी पर देश के दो ऐतिहासिक धार्मिक धारावाहिक 'रामायण' और 'महाभारत' की जोरदार वापसी हुई है, रामानंद सागर की अनमोल कृति में से एक 'रामायण' और बीआर चोपड़ा के सबसे लोकप्रिय शो 'महाभारत' की वापसी से केवल आम लोग ही नहीं बल्कि इस शो में अहम किरदार निभाने वाले भी कलाकार भी बहुत ज्यादा खुश हैं, संकट की इस घड़ी में ये दोनों ऐतिहासिक धारावाहिकों ने वापस सफलता के झंडे गाड़े हैं, इस शो के कारण डीडी के दर्शकों की संख्या में चौतरफा इजाफा हुआ है।

महाभारत के भीष्म को पसंद नहीं आई थी 'रामायण'

महाभारत के भीष्म को पसंद नहीं आई थी 'रामायण'

लेकिन 'रामायण' धारावाहिक के बारे में एक बड़ी ही हैरान कर देने वाली बात मशहूर एक्टर मुकेश खन्ना ने कही है, शो 'महाभारत' में भीष्म का रोल अदा करके लोगों के दिलों के सरताज बने एक्टर मुकेश खन्ना ने ईटाइम्स टीवी से बातचीत में खुलासा किया है कि मैं ये कुबूल करना चाहता हूं कि मैंने कभी टीवी शो 'रामायण' को पसंद नहीं किया।

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'मैं बीजेपी से ताल्लुक रखता था और रामायण कांग्रेस थी'

'मैं बीजेपी से ताल्लुक रखता था और रामायण कांग्रेस थी'

अभिनेता ने कहा कि ये मेरे लिए ऐसा था जैसे मैं बीजेपी से ताल्लुक रखता था और 'रामायण' कांग्रेस थी जब भी मैं रामायण देखता था, मैं सोचता था क्यों रामानंद सागर ने इतना स्लो शो बनाया है, मैं महाभारत देखना पसंद करता था क्योंकि उसमें सब कुछ तेजी से होता था।

लेकिन आज मैं अपनी गलती मानता हूं...

लेकिन आज मैं अपनी गलती मानता हूं...

लेकिन आज मेरी सोच बदल गई है और मुझे अपनी गलती का एहसास भी हो रहा है , अब जब मैं इसका री-टेलीकास्ट देख रहा हूं तो मुझे एहसास हो रहा है कि रामानंद सागर ने कितनी मुश्किलों से हर सीन का चित्रण किया होगा, ये वाकई बहुत मुश्किल था।

'कुछ सीन्स को देखकर तो मेरी आंखें नम हो गईं'

'कुछ सीन्स को देखकर तो मेरी आंखें नम हो गईं'

मुकेश खन्ना ने कहा किहर सीन के बाद संगीतकार रवींद्र जैन की चौपाई आती है, जिसे देखना काफी सुकून भरा है और कुछ सीन्स को देखकर तो मेरी आंखें नम हो गईं, अब मुझे रामायण पसंद आ रही है, अरुण गोविल ने शानदार काम किया है, इसमें कोई शक नहीं, उन्होंने एक मुस्कान पकड़ी और अंत तक उसे नहीं छोड़ा, सीता, भरत, जनक, दशरथ पूरी कास्ट का काम शानदार है, रामायण अगर ऐतिहासिक है तो वाकई उसमें इतिहास बनाने वाले सारे तत्व मौजूद है।

सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था...

सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था...

गौरतलब है कि 'रामायण' का प्रसारण जनवरी 1987 से जुलाई 1988 तक हुआ था। उस वक्त ये सीरियल सुपरहिट रहा था। सीरियल का प्रसारण रविवार की सुबह होता था। जब ये सीरियल प्रसारित होता था सभी सीरियल देखने में इतने व्यस्त हो जाते थे कि सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था, इस लोकप्रियता का तो ये आलम था कि लोग शो के किरदारों को ही रीयल भगवान मान बैठे थे।

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English summary
Mukesh Khanna on watching Ramayan rerun: I disliked the TV show for being slow paced, but watching it after so many years I've become a fan, here is details.
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