केरल सरकार के नए अध्यादेश पर घमासान जारी, पी चिदंबरम बोले- मैं हैरान हूं
केरल: नए अध्यादेश पर घमासान जारी, पी चिदंबरम ने किया विरोध
नई दिल्ली। केरल पुलिस एक्ट (Kerala Police Act) में किए गए बदलाव को लेकर राज्य सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हाल ही में एक ऐसे अधिनियम को मंजूरी दी है, जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ भी आपत्तिजनक लिखने पर सजा हो सकती है। इसके लिए राज्य सरकार ने पुलिस एक्ट में संशोधन किया है। अब इस संशोधन को लेकर सरकार की आलोचना हो रही है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी सरकार के इस फैसले पर हैरानी जताई है।
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पी चिदंबर ने ट्वीट कर कही ये बात
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा है, 'मैं एलडीएफ सरकार द्वारा बनाए गए इस फैसले से बहुत हैरान हूं कि सोशल मीडिया पर तथाकथित 'अपमानजनक' पोस्ट डालने को लेकर 5 साल तक की सजा दी जा सकती है।'
Shocked by the law made by the LDF government of Kerala making a so-called ‘offensive’ post on social media punishable by 5 years in prison
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 22, 2020
मीडिया की आवाज को दबाएगा ये अध्यादेस- मुल्लापल्ली रामचंद्रन
वहीं दूसरी तरफ केरल कांग्रेस के प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने भी राज्य सरकार के इस अध्यादेश को पूर्व फासीवादी बताया है। उनका कहना है कि ये मीडिया की आवाज को खामोश करने की सरकार की एक साजिश है। इस कानून के जरिए मीडिया की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है, ताकि राज्य सरकार के खिलाफ कोई आवाज ना उठा सके।
This is absolute fascism. Serious allegations including gold smuggling & drug dealing have surfaced against state govt. These were exposed by media. This law has been introduced as part of conspiracy to silence voices against govt: Mullappally Ramachandran, Kerala Congress Chief https://t.co/EF1gOIFdHJ pic.twitter.com/0QqRnaZ5gm
— ANI (@ANI) November 22, 2020
अध्यादेश पर मुख्यमंत्री ने भी दी सफाई
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया है कि केरल पुलिस एक्ट में किया गया संशोधन किसी भी तरह से 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' और निष्पक्ष मीडिया के खिलाफ नहीं है। उन्होंने बताया कि संशोधन से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को पूरा बढ़ावा मिलेगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस एक्ट में संशोधन के बाद ऐसा नहीं कि पुलिसवाले अपने मर्जी चलाएंगे, बल्कि कानून के दायरे में रहकर ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहता है राज्य सरकार का नया अध्यादेश?
आपको बता दें कि केरल सरकार को इस अध्यादेश को लेकर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार का ये अध्यादेश 'अभिव्यक्ति की आजादी' छीनने का काम करेगा। वहीं दूसरी तरफ राज्यपाल द्वारा इस अध्यादेश को स्वीकृति देने के बाद नए संशोधन के अनुसार अगर कोई शख्स सोशल मीडिया के माध्यम से किसी को अपमानित या बदनाम करने की कोशिश करता है तो उसे 5 साल तक की कैद या 10000 रुपये तक जुर्माना या फिर दोनों सकती हैं।
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