कांग्रेस के बाद क्या शिवसेना से जुड़ने जा रही हैं उर्मिला मातोंडकर, खुद दिया ये जवाब
मुंबई। बॉलीवुड से सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली उर्मिला मातोंडकर ने पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी से अचानक ही इस्तीफा दे दिया। महज पांच महीने में ही कांग्रेस का साथ छोड़ने के बाद अब उर्मिला को लेकर एक खबर सामने आ रही है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि जल्द ही उर्मिला मातोंडकर जल्द ही शिवसेना में शामिल हो सकती हैं। हालांकि, इन खबरों पर अब खुद दिग्गज अभिनेत्री ने जवाब दिया है। उर्मिला मातोंडकर ने उनके शिवसेना में जाने की खबरों को खारिज कर दिया है।
शिवसेना में जाने की खबरों पर उर्मिला ने तोड़ी चुप्पी
उर्मिला मातोंडकर की ओर से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया कि मैं किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं हो रही हूं, इसलिए मीडिया से ये अनुरोध है कि वो ऐसी किसी भी खबर को शेयर नहीं करें। दरअसल, उर्मिला मातोंडकर को लेकर ऐसी खबरें इसलिए सामने आई क्योंकि ऐसा कहा जा रहा कि कांग्रेस से इस्तीफे के बाद से ही वो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी और शिवसेना नेता मिलिंद नारवेकर से संपर्क में हैं। यही नहीं खबरें ये भी थीं कि वो शिवसेना में शामिल होने पर विचार कर सकती हैं। हालांकि, खुद उर्मिला ने इन अटकलों का खारिज कर दिया है।
'मैं किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं हो रही'
उर्मिला मातोंडकर ने 10 सितंबर को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था। उन्होंने मई में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का दामन थामा था। राहुल गांधी की मौजूदगी में वो कांग्रेस में आई और फिर पार्टी ने उत्तरी मुंबई लोकसभा सीट से उन्हें चुनाव मैदान में उतारा। हालांकि, बीजेपी के दिग्गज नेता गोपाल शेट्टी के सामने उर्मिला बड़े अंतर से चुनाव हार गईं। इसके बाद अचानक ही उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद चर्चाएं शुरू हो गईं कि आखिर उन्होंने ये कदम क्यों उठाया।
इसलिए उर्मिला ने छोड़ी दी थी कांग्रेस
हालांकि, ऐसा बताया जा रहा कि मुंबई कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी से नाराज होकर उर्मिला ने ये फैसला लिया था। इस्तीफे के साथ ही उन्होंने कहा था कि मेरी राजनीतिक और सामाजिक संवेदनाएं बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए हैं, लेकिन मुंबई कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के कारण मैं ऐसा कर नहीं पा रही हूं। उन्होंने बताया था कि मुंबई कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को एक खत लिखा था, जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी हार के लिए स्थानीय नेताओं पर उंगली उठाते हुए कमजोर रणनीति, कार्यकर्ताओं की अनदेखी और फंड की कमी को जिम्मेदार बताया था। हालांकि, उनका यह गोपनीय खत लीक हो गया था। जिससे वो खासी आहत थीं।
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