'BJP नेताओं से बेहतर हिंदू हूं'- दिग्विजय ने राम मंदिर न्यास पर क्यों लगाया हिंदू-मुस्लिम को बांटने का आरोप
नई दिल्ली- कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण से जुड़े आधिकारिक ट्रस्ट पर हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता ने यह भी सवाल उठाया है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra nyas) को राम मंदिर (Ram Temple) निर्माण के लिए फंड जुटाने का अधिकार किसने दिया है। दरअसल, दिग्विजय सिंह का यह बयान हाल में मध्य प्रदेश के उज्जैन,मंदसौर और इंदौर में हुई पत्थरबाजी की कुछ घटनाओं के बाद आया है। इतना ही नहीं, दिग्विजय सिंह ने खुद को भाजपा नेताओं से भी बढ़िया हिंदू होने का दावा किया है। उन्होंने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए शिवराज सिंह चौहान सरकार पर भी निशाना साधा है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने भी उनपर जोरदार पलटवार किया है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने राम मंदिर ट्रस्ट और बीजेपी नेताओं से जुड़ा बयान ऐसे वक्त में दिया है, जब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने मध्य प्रदेश में रामलला के मंदिर निर्माण के लिए फंड जुटाने को लेकर रैलियां आयोजित की हैं। इस दौरान मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में बेगम बाग इलाके में स्थिति तब विस्फोटक हो गई थी, जब इन रैलियों पर पत्थरबाजी की घटाएं घटीं। सीसीटीवी में कैद तस्वीरों से पता चलता है कि रैली में शामिल लोगों पर पत्थरबाजी करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं।
बाद में उज्जैन पुलिस और उज्जैन नगर निगम के अधिकारियों ने पत्थर फेंके जाने वाले घरों की पहचान की और गैर-कानूनी निर्माणों को ढहा दिया। इसी तरह इंदौर में भी राम मंदिर के लिए दान जुटाने के अभियान के दौरान सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। आरोप लगाए गए कि कथित तौर पर कुछ लोगों ने मस्जिद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की और कुछ ने परिसर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया।
इसपर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को आरोप लगाया है कि फंड जुटाने के नाम पर मुस्लिम इलाकों को निशाना बनाया गया है। उन्होंने कहा है, 'मैं इस बात से दुखी हूं कि आज किस तरह की घटनाएं हो रही हैं। दान जुटाने के दौरान, हथियार, लाठियां और तलवारें प्रदर्शित किए जा रहे हैं, भड़काऊ नारेबाजी की जा रही है, खासकर मुस्लिम इलाकों को निशाना बनाकर।' उन्होंने इन घटनाओं की जांच रिटायर्ड चीफ सेक्रेटरी और रिटायर्ड डीजीपी से करवाने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि 'उज्जैन, मंदसौर और इंदौर की घटनाओं की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए। कलेक्टरों और एसपी को जिम्मेदार ठहराकर उन्हें निश्चित हटाना चाहिए। उन्होंने रैलियों की इजाजत क्यों दी? यह हैरानी की बात है कि जिनके घरों को नुकसान पहुंचाया गया, ट्रैक्टर और वाहन को क्षति पहुंचाई गई और जिन्हें बुलेट लगे उन लोगों के खिलाफ पुलिस केस की जा रही है।'
दिग्विजय के इस बयान पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने भी जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि गुंडों और माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और कोई भी 'यहां तक कि दिग्विजय भी नहीं' पत्थरबाजी और हिंसा में शामिल लोगों को बचा नहीं सकेंगे।
बता दें कि वीएचपी के मालवा प्रांत सचिव सोहन विश्वकर्मा ने कहा था कि दान जुटाने वाली रैलियों पर पत्थरबाजी की गई और उन्होंने कहा था कि दिसंबर 29 की रैलियों में इंदौर पर मंदसौर पर मुसलमानों की किसी भी इबादत स्थल को निशाना नहीं बनाया गया।