130 किलो के बकरे की कुर्बानी देगा परिवार, बोले- अल्लाह कोरोना से मुक्ति दिलाएगा
नई दिल्ली। हैदराबाद का एक परिवार ईद अल अजहा यानी बकरीद के मौके पर 130 किलो के बकरे की कुर्बानी देगा। इस बकरे की कीमत डेढ़ लाख रुपए है, जिसकी ये परिवार शनिवार को बकरीद के मौके पर कुर्बानी देगा। इस बकरे को खरीदकर लाए परिवार के मुखिया मोहम्मद सरकार का कहना है कि इस साल कोरोना वायरस महामारी फैली हुई है, जिसने दुनिया को डरा रखा है। वो इस बार अल्लाह से दुआ करेंगे कि कुर्बानी को कुबूल करते हुए इस महामारी को खत्म कर दे।
Recommended Video
महामारी से मिलेगी निजात
परिवार का मानना है कि डेढ़ लाख की कीमत वाले इस बकरे की कुर्बानी कुबूल कर अल्लाह कोरोना वायरस से निजात दिलाएंगे। सरवर बताते हैं, इस बकरे का नाम उन्होंने प्यारी मोहम्मद रखा है। इस नस्ल को 'विलायती' के रूप में जाना जाता है। इसका वजन करीब 130 किलो है। हम उसे ड्राई फ्रूट्स, सेब, दूध और चने खिलाते हैं। हम उसे दिन में दो बार टहलने के लिए ले जाते हैं। शनिवार को इसकी कुर्बानी की जाएगी।
हर साल देते हैं महंगे बकरे की कुर्बानी
मोहम्मद सरवर का कहना है कि वो बकरीद के मौके पर हर साल स्वस्थ और मजबूत जानवर की कुर्बानी देते रहे हैं। इस साल भी महंगा बकरा लाए हैं। बता दें कि बकरीद पर मुसलमान बकरों और दूसरे जानवरों की कुर्बानी करते हैं। इस मौके पर हर साल की कुछ खास किस्म के या बहुत महंगे बकरे चर्चा में रहते हैं।
कल मनाई जाएगी ईद
ईद उल अजहा यानी बकरीद कल शनिवार को मनाई जाएगी। केरल में आज ही ये त्योहार मनाया जा रहा है। मुसलमानों के प्रमुख त्यौहारों में से एक ईद-उल-अजहा अरबी कैलेंडर के जिलहिज्जा महीने की दसवीं तारीख को मनाया जाता है। इस्लाम के मानने वालों में बकरीद का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि पैगंबर हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल को अल्लाह की राह में कुर्बान करने जा रहे थे लेकिन जब उन्होंने बेटे की गर्दन पर चाकू रखा तो वहां एक दुंबा आ गया। जिसके बाद हर साल दुंबा या बकरे की कुर्बानी देने की रिवायत शुरू हो गई जो हजारों साल से चल रही है।
ये
भी
पढ़िए-
केरल
में
मनाया
जा
रहा
है
ईद-उल-अजहा
का
त्योहार,
जानिए
बकरीद
पर्व
का
महत्व