Hyderabad exit polls:कितना कारगर रहा BJP का भाग्यनगर और निजाम-नवाब का मुद्दा, जानिए
नई
दिल्ली-
ग्रेटर
हैदराबाद
नगर
निगम
चुनाव
में
शुक्रवार
को
वोटों
की
गिनती
होनी
है।
नतीजों
से
पहले
जो
एग्जिट
पोल
आए
हैं,
उससे
लगता
है
कि
तेलंगाना
के
अगले
चुनाव
के
लिए
एक
नया
विकल्प
खड़ा
हो
सकता
है।
एक
शहरी
निकाय
का
चुनाव
भारत
में
अबतक
कभी
इतना
चर्चित
नहीं
हुआ,
जितना
भाजपा
के
आक्रामक
चुनाव
प्रचार
की
वजह
से
इस
बार
हैदराबाद
में
हुआ
है।
पार्टी
ने
अपनी
पूरी
ताकत
झोंक
दी
थी।
अमित
शाह,
योगी
आदित्यनाथ
और
जेपी
नड्डा
ने
रोड
शो
किया
था।
हैदराबाद
का
नाम
भाग्यनगर
करने
को
भी
पार्टी
ने
मुद्दा
बनाया
तो
निजाम-नवाब
वाली
संस्कृति
को
बदलने
का
भी
वादा
किया।
इसलिए
इसके
चुनाव
परिणाम
पर
पूरे
देश
की
नजरें
लगी
हैं।
लेकिन,
उससे
पहले
आए
एग्जिट
पोल
के
परिणाम
काफी
चौंकाने
वाले
हैं।
टीआरएस को मिलेगी निर्णायक बहुमत- एग्जिट पोल
असल नतीजे शुक्रवार को आएंगे लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल के जो नतीजे आए हैं, उससे लगता है कि इस चुनाव में भी राज्य की सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति को निर्णायक बहुमत मिलने का अनुमान है। यह सर्वे स्वतंत्र एजेंसियों और सियासी पार्टियों ने अपनी ओर से कराया गया है। मसलन, पॉलिटिकल लैबोरेटरी नाम की एक स्वतंत्र संस्था ने टीआरएस को 150 सदस्यों वाली जीएचएमसी में 80 से 83 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। यह एग्जिट पोल लगभग वही नतीजे दे रहा है, जैसा कि टीआरएस ने अपने अंदरूनी सर्वे के आधार पर दावा किया है। जबकि, दो और सर्वे में टीआरएस को 85 से 90 के बीच में सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। एक और सर्वे तेलंगाना के एक मंत्री के बेटे ने करवाया है, जिसमें मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी को 101 तक सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है।
पुराने हैदराबाद में 'निजामों' की ही चलेगी?
भाजपा नेताओं की जोरदार कैंपेनिंग ने इस बार पुराने हैदराबाद के इलाके में ओबैसी भाइयों के माथे पर भी कुछ देर के लिए बल ला दिए थे। यही वजह है कि अपना कुनबा बचाने के लिए प्रचार में उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। एग्जिट पोल के अनुमानों से जाहिर होता है कि पुराने हैदराबाद के मुस्लिम बहुल इलाकों में वह अपना प्रभाव बचाए रखने में एक बार फिर से कामयाब हो गए हैं। पार्टी के लिए ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में 35 से 40 सीटें जीतने का अनुमान जताया गया है। एआईएमआईएम इस बात से परेशान जरूर हो सकती है कि उसके गढ़ में भाजपा अब जबर्दस्त दस्तक दे चुकी है।
भाजपा को जबर्दस्त फायदा, लेकिन भाग्यनगर दूर ?
हैदराबाद चुनाव को लेकर आए एग्जिट पोल के अनुमान अगर बिहार विधानसभा चुनाव की तरह धाराशायी नहीं हुए तो लगता है कि फिलहाल भाजपा ना तो भाग्यनगर के लिए हैदराबाद की जनता को जगा पाई है और ना ही इस महानगर के लोग फिलहाल निजाम-नवाबों वाली संस्कृति से बोर हुए हैं। पॉलिटिकल लैबोरेटरी ने भाजपा को 10 से लेकर 21 सीटें तक मिलने का अनुमान जताया है। लेकिन, एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि पार्टी को कम से कम 10 सीटें तो जरूर मिलेंगी। वैसे इसने भाजपा के लिए यह भी संभावना जताई है कि 25 वार्ड में वह कांटे का टक्कर दे रही है, यानि नतीजे इधर से उधर भी हो जा सकते हैं।
कम मतदान को कोस सकती है भाजपा !
अगर हैदराबाद चुनाव के यही नतीजे रहे तो भाजपा कोविड की वजह से सिर्फ 46 फीसदी वोटिंग को कोस सकती है। जिसमें आईटी फिल्ड के लोग और प्रवासियों के मतदान स्थलों से दूर रहने की बातें सामने आई हैं। गौरतलब है कि वोटिंग से कुछ दिन पहले केंद्रीय गृहराज्यमंत्री जी किशन रेड्डी के बारे में जानकारी है कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व को बताया था कि बीजेपी इस चुनाव में 35 सीट तक जीत सकती थी। हालांकि, इनमें से ज्यादातर सीटें हैदराबाद के बाहरी इलाकों के हैं। अगर तेलंगाना विधानसभा में 24 सीटों वाले हैदराबाद जैसे शहर में पार्टी का सिर्फ एक विधायक है तो एग्जिट पोल के नतीजों में उसके लिए भविष्य की उम्मीदें छिपी हुई हैं और टीआरएस के लिए बड़ी चुनौती भी।
पिछले चुनाव में कैसा रहा था प्रदर्शन?
2016 के हैदराबाद निकाय चुनाव में टीआरएस को 99, एआईएमआईएम को 44, भाजपा को 4, कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं और एग्जिट पोल के अनुमान बता रहे हैं कि भाजपा को ही ज्यादा फायदा मिला है और उसका खामियाजा कुछ सीटों पर टीआरएस और एआईएमआईएम को भुगतना पड़ सकता है। 1 दिसंबर को इस चुनाव में 1,122 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।