हैदराबाद: जांच में दिशा रेप केस का एनकाउंटर निकला फर्जी, कमीशन की रिपोर्ट पर SC सख्त
नई दिल्ली, 20 मई: साल 2019 में हैदराबाद में हुए दिशा रेप केस ने पूरे देश को झंकझोर दिया था। इसके बाद देशभर में जमकर प्रदर्शन हुए। घटना के कुछ दिनों बाद ही हैदराबाद पुलिस ने एक एनकाउंटर में चारों आरोपियों को मार गिराने का दावा किया था, लेकिन उस वक्त बहुत से संगठनों ने इस पर सवाल उठाए। जिस पर सिरपुरकर कमीशन को इसकी जांच का जिम्मा दिया गया। ये रिपोर्ट अब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है, जो ये संकेत दे रही कि एनकाउंटर फर्जी था।

इस कमीशन में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस वीएस सिरपुरकर, बॉम्बे हाईकोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस रेखा बालदोता और सीबीआई के पूर्व निदेशक कार्तिकेयन शामिल थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जांच के बाद हमको ये लग रहा कि आरोपियों को जानबूझकर गोली मारी गई, ताकि वो मर जाएं। ऐसे में ये एनकाउंटर फर्जी है और इसमें शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
वहीं दूसरी ओर तेलंगाना सरकार भी इस एनकाउंटर को सही मान रही थी, जिस वजह से वो अपने अधिकारियों का बचाव करते नजर आई। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान तेलंगाना सरकार के वकील श्याम दीवान ने चीफ जस्टिस की खंडपीठ से अनुरोध किया कि वो जांच रिपोर्ट को देखकर उसे दोबारा सीलबंद कर दें। साथ ही उसे सार्वजनिक ना किया जाए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर जांच रिपोर्ट को गोपनीय ही रखना था, तो जांच करवाने का क्या फायदा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर तेलंगाना सरकार और हाईकोर्ट को आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।
बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर लड़की ने अपने दोस्त को बंधक बनाया, रेप का आरोप लगाकर मांगे पैसे
जला हुआ मिला था पीड़िता का शव
आपको बता दें कि ये घटना नवंबर 2019 की है। उस दौरान एक वेटनरी डॉक्टर के साथ गैंगरेप हुआ। उसके बाद आरोपियों ने उसकी हत्या कर शव को शादनगर में एक पुल के नीचे जला दिया। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उसके बाद उनका एनकाउंटर हो गया। हैदराबाद पुलिस का दावा था कि वो क्राइन सीन रिक्रिएट करने गए थे, तभी आरोपियों ने भागने की कोशिश की। जिस वजह से उन्हें गोली मारनी पड़ी।