हैदराबाद गैंगरेप मर्डर: महिला डॉक्टर के पिता का छलका दर्द, कहा- आरोपी मर चुके हैं, लेकिन हम एक...
अपनी बेटी को खोने के बाद महिला डॉक्टर के पिता ने एक बार फिर अपना दर्द बयां किया है...
नई दिल्ली। साइबराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और जलाकर उसकी हत्या करने वाले आरोपियों के एनकाउंटर मामले में तेलंगाना पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस एनकाउंटर को लेकर उठे सवालों के बाद मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी थी। वहीं बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में पूछताछ करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज को नियुक्त करेंगे, जो दिल्ली में बैठेंगे और घटना की जांच करेंगे। इस बीच महिला डॉक्टर ने पिता ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा है कि उनका परिवार बेहद मुश्किलों भरी जिंदगी जी रहा है।
'हम एक बेहद मुश्किलों भरी जिंदगी जी रहे हैं'
आरोपियों के एनकाउंटर की रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सौंपे जाने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मीडिया से बात करते हुए महिला डॉक्टर के पिता ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे। आरोपी मर चुके हैं, लेकिन हम अब एक बेहद मुश्किलों भरी जिंदगी जी रहे हैं।' बीते 6 दिसंबर को हुए एनकाउंटर में महिला डॉक्टर का गैंगरेप और उसकी हत्या करने वाले चारों आरोपी मारे गए थे। इस एनकाउंटर के बाद महिला डॉक्टर के पिता ने कहा था, 'मेरी बेटी को मरे 10 दिन हो चुके हैं। मैं पुलिस और सरकार को इसके लिए धन्यवाद कहता हूं। अब मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।'
आरोपियों के परिजनों से एनएचआरसी ने की बात
गौरतलब है कि अचानक किए गए इस एनकाउंटर को लेकर साइबराबाद पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोपियों के परिजनों ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताया था। इस बीच एनएचआरसी की टीम मामले की तफ्तीश के लिए साइबराबाद पहुंची और मारे गए आरोपियों के परिजनों से भी बात की। आयोग की टीम ने उस जगह का दौरा भी किया है, जहां पर एनकाउंटर हुआ था। इसके साथ ही वह महबूबनगर स्थित उस सरकारी अस्पताल भी पहुंचे, जहां आरोपियों के शव रखे गए थे। बुधवार को तेलंगाना पुलिस ने आरोपियों के एनकाउंटर से संबंधित मामले की रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सौंप दी।
'नाबालिग था मेरा इकलौता बेटा'
इस बीच एनकाउंटर में मारे गए आरोपियों में से दो के परिजनों ने दावा किया है कि उनके बेटे नाबालिग थे। आरोपी जोलू नवीन की मां लक्ष्मी ने बताया, 'नवीन मेरा इकलौता बेटा था, जब उसे मारा गया उस समय उम्र महज 17 साल ही थी। उसका जन्म साल 2002 में हुआ है। उसने कुछ साल पहले ही स्कूल से छोड़ दिया था। वो चिन्नापोरला स्कूल में पढ़ता था, जहां से हमें जल्द ही स्कूल का लीविंग सर्टिफिकेट मिल जाएगा।' इस एनकाउंटर में मुख्य आरोपी मोहम्मद आरिफ के साथ-साथ तीन और आरोपियों जोलू शिवा (20), जोलू नवीन (20) और चिंताकुंटा चिन्नाकेशवाउलू (20) को पुलिस ने मार दिया था।
'एनकाउंटर नहीं करते तो वो भाग जाते'
आपको बता दें कि बीते 6 दिसंबर को पुलिस चारों आरोपियों के साथ क्राइम सीन दोहराने के लिए उन्हें तड़के करीब 3 बजे घटनास्थल पर लेकर जा रही थी। पुलिस के मुताबिक, उनकी गाड़ी जैसे ही घटनास्थल के नजदीक पहुंची, चारों आरोपियों ने कुछ पुलिसकर्मियों के हथियार छीन लिए और भागने लगे। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों का पीछा करते हुए उन्हें रुकने के लिए कहा, लेकिन चारों ने पुलिस पर ही फायरिंग करनी शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की और चारों आरोपियों को मार गिराया। पुलिस का कहना था कि अगर वो चारों आरोपियों का एनकाउंटर नहीं करती, तो ये चारों भागने में कामयाब हो जाते।
गैंगरेप के बाद महिला डॉक्टर को जिंदा जलाया
इससे पहले बीते 27 नवबंर को साइबराबाद में एक महिला डॉक्टर का जला हुआ शव बरामद हुआ था। पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि महिला को जलाकर मारने से पहले उसके साथ गैंगरेप किया गया था। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के मुताबिक महिला डॉक्टर कहीं से अपने घर लौट रही थी कि तभी रास्ते में उसकी स्कूटी पंक्चर हो गई। इसके बाद चारों आरोपियों ने उसकी मदद करने के बहाने उसके साथ गैंगरेप किया और बाद में जलाकर मार डाला। इस घटना को लेकर लोगों में जबरदस्त गुस्सा था और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हुए।
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