हैदराबाद ब्लास्ट: सबूतों के अभाव में लश्कर का संदिग्ध आतंकी अब्दुल करीम टुंडा बरी
हैदराबाद। 22 साल पहले सिलसिलेवार बम धमाकों से हैदराबाद को दहलाने की साजिश रचने के संदिग्ध आरोपी अब्दुल करीब टुंडा सबूतों के अभाव में बरी हो गया है। मंगलवार को नामपाली स्थित मेट्रोपॉलिटन सेशन जज कोर्ट ने उसे दर्जनभर गंभीर आरोपों से बरी कर दिया। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बचाव पक्ष के वकील खालिद सैफ्फुलाह ने यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि टुंडा को साल 2013 में नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। नेपाल से उसे पकड़ने के बाद दिल्ली लाया गया था। दिल्ली से टुंडा को बाद में हैदराबाद शिफ्ट किया गया था। इसके बाद से वो लगातार न्यायिक हिरासत में ही था। पुलिस ने बताया कि इस मामले में कुल 28 आरोपित थे। इनमें से कुछ को गिरफ्तार किया गया और सजा हुई, जबकि बाकी फरार हैं।
बम बनाने में विशेषज्ञ है टुंडा
लश्कर-ए-तैयबा का संदिग्ध सदस्य और बम बनाने में विशेषज्ञ टुंडा 1998 सलीम जुनैद मॉड्यूल मामले में आरोपी है, जिसपर हैदराबाद सेंट्रल क्राइम स्टेशन की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने मामला चलाया था। फिलहाल गाजियाबाद जेल में बंद टुंडा पर देश के विभिन्न स्थानों पर आतंकवाद के मामले चल रहे हैं। उस पर देश भर में 40 से ज्यादा बम धमाकों को अंजाम देने का आरोप है।
90 के दशक में बांग्लादेश से आया था टुंडा
आतंकी टुंडा भारत में ही पला-बढ़ा। बाद में पाकिस्तान के रास्ते बांग्लादेश चला गया। साल 1992 में फिर भारत आया और इसके बाद देश भर में कई सीरियल बम धमाकों के मामले में आरोपी है। अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद पुणे में बम प्लांट का आरोप उस पर है। 1996 से 1998 के बीच दिल्ली में हुए लगभग सभी बम धमाकों में टुंडा शामिल माना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल करीम टुंडा दिल्ली के दरियागंज में एक गरीब परिवार में पैदा हुआ था। दिल्ली के नजदीकी कस्बे पिलखुवा में 8वीं क्लास तक पढ़ा। इसके बाद टुंडा अपने रिश्तेदारों के घर देश के अलग-अलग शहरों में रहा। कुछ समय बाद शादी कर ली। अहमदाबाद में टुंडा ने कुछ दिन कबाड़ी का काम भी किया।
राखी के चेहरे पर दिखा कोरोना का खौफ, VIDEO अपलोड कर बोलीं- होली पर भूलकर भी न करना ये काम