जम्मू कश्मीर: LoC पर लगातार फायरिंग की वजह से उरी से 500 लोगों को शिफ्ट किया गया
जम्मू कश्मीर में उरी सेक्टर से करीब 500 लोगों को अपना घर-बार छोड़कर जाने को मजबूर होना पड़ा है। लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर स्थित उरी सेक्टर के लोगों को आए दिन हो रही फायरिंग की वजह से सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है। शुक्रवार को लगातार चौथे दिन भी पाकिस्तान की ओर से फायरिंग जारी थी।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में उरी सेक्टर से करीब 500 लोगों को अपना घर-बार छोड़कर जाने को मजबूर होना पड़ा है। लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर स्थित उरी सेक्टर के लोगों को आए दिन हो रही फायरिंग की वजह से सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है। शुक्रवार को लगातार चौथे दिन भी पाकिस्तान की ओर से फायरिंग जारी थी। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद ने इस बात की जानकारी दी है। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान की ओर लगातार एलओसी पर फायरिंग जारी है। अभी साल के दो माह ही बीते हैं और पाक की तरफ से करीब 300 बार सीजफायर तोड़ा जा चुका है।
बारामूला
और
कुपवाड़ा
में
शिफ्ट
किए
गए
लोग
जम्मू
कश्मीर
पुलिस
के
डीजीपी
एसपी
वैद
ने
बताया
कि
उरी
सेक्टर
में
सीमा
की
दूसरी
तरफ
से
लगातार
फायरिंग
जारी
होने
की
वजह
से
यहां
पर
500
लोगों
को
शिफ्ट
किया
गया
है।
बताया
जा
रहा
है
कि
इन
लोगों
को
बारामूला
और
कुपवाड़ा
में
शिफ्ट
किया
गया
है।
बारामूला
के
डीएम
और
जम्मू
कश्मीर
पुलिस
के
एसएसपी
ने
नागरिकों
के
स्थानांतरण
से
जुड़े
इंतजामों
का
जायजा
लिया।
14
जनवरी
से
पीर
पंजाल
इलाके
में
एलओसी
पर
तनाव
मौजूद
है
और
अब
धीरे-धीरे
यह
तनाव
कश्मीर
घाटी
में
फैल
रहा
है।
बुधवार
से
उरी
सेक्टर
में
जारी
फायरिंग
में
तीन
लोग
घायल
हो
चुके
हैं।
उरी
सेक्टर
में
तिलावाड़ी,
चारूंदा
और
सिलिकोटे
में
पाकिस्तान
की
ओर
से
जारी
फायरिंग
में
काफी
नुकसान
हुआ
है।
आर्मी
पोस्ट
पर
हमला
करने
आए
आतंकी
कुपवाड़ा
में
सेना
ने
पाकिस्तान
की
बॉर्डर
एक्शन
टीम
(बैट)
के
कुछ
आतंकियों
के
साथ
आतंकियों
को
ढेर
किया।
शुक्रवार
को
यह
घटना
उस
समय
हुई
जब
आतंकी
तंगधार
सेक्टर
में
स्थित
सेना
की
फॉरवर्ड
पोस्ट
पर
हमला
करने
की
कोशिशें
कर
रहे
थे।
सेना
की
28
डिवीजन
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
जैसे
ही
सैनिकों
ने
आतंकियों
को
देखा
और
फायरिंग
की
तो
मुठभेड़
शुरू
हो
गई।
करीब
एक
घंटे
तक
सेना
ने
आतंकियों
को
उलझा
कर
रखा।
सेना
की
मानें
तो
आतंकियों
को
भारी
फायरिंग
से
मदद
मिल
रही
थी।
मोर्टार
और
दूसरे
हथियारों
से
हो
रही
फायरिंग
का
मकसद
बैट
के
आतंकियों
को
कवर
देना
था।
सेना
ने
हालांकि
पोस्ट
पर
आतंकी
हमले
को
पूरी
तरह
से
नाकाम
कर
दिया।