भारत की पहली कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू, इस राज्य में 18 लोगों पर हो रहा परीक्षण
जानवरों पर सफलता के बाद भारत की पहली कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू
नई दिल्ली। महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ भारत ने अपनी लड़ाई तेज कर दी है, देश की पहली कोविड-19 वैक्सीन COVAXIN का मानव परीक्षण शुरू हो चुका है। 'कोवैक्सीन' का ह्यूमन ट्रायल पटना एम्स में 18 वॉलंटियर्स पर किया जाएगा। इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साझा सहयोग से तैयार किया गया है। करीब 10-11 दिन पहले सरकार ने यह कहा था कि देश के 13 बड़े चिकित्सा संस्थानों में इस वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा।
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कोवैक्सीन के साथ कई टीकों का होगा ट्रायल
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमितों का आंकड़ा 9 लाख के पार पहुंच गया है ऐसे में महामारी को ना रोका गया तो आने वाले समय में परिणाम और गंभीर हो सकते हैं। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक कोवैक्सीन के साथ-साथ दुनिया भर की अन्य टीकों का भी परीक्षण 18 लोगों पर किया जाएगा। ट्रायल के लिए 6 महीने का समय तय किया गया है इस दौरान मॉडर्ना, कैनसिनो, इनोवियो, बायोएनटेक, फाइजर और एस्ट्रजेनेका की वैक्सीन का भी ट्रायल 18 वॉलंटियर्स पर किया जाएगा।
दूसरे स्टेज में 12 से 65 साल की उम्र के लोगों पर होगा ट्रायल
पटना एम्स में इन सभी लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल आईसीएमआर द्वारा निर्धारित नियमों के तहत किया जाएगा, वैक्सीन की पहली डोज सिर्फ उन लोगों को दी जाएगी जो खुद को मानसिक रूप से दवा के लिए तैयार कर लेंगे। इसके अलावा वॉलंटियर्स की शारीरिक और मानसिक स्थिति को देखने के बाद ही डॉक्टर वैक्सीन की डोज देंगे। भारत बायोटेक द्वारा बनाए गए वैक्सीन का ट्रायल पहले स्टेज पर 18 से 55 साल और दूसरे स्टेज में 12 से 65 साल की उम्र के लोगों पर किया जाएगा।
10 लोगों को दिया गया वैक्सीन का पहला डोज
जानकारी के मुताबिक पटना एम्स ने ने परीक्षण के लिए अस्पताल प्राधिकरण द्वारा चुने गए 10 स्वयंसेवकों पर वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीन की पहली खुराक लेने वाले वॉलंटियर्स को 14 दिन बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। निर्धारित समय पूरा होने पर वॉलंटियर्स को वैक्सीन के बाद होने वाले प्रभाव की जांच के लिए ले जाया जाएगा। पटना एम्स के अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि इस वैक्सीन का परीक्षण 22-50 वर्ष की आयु के स्वस्थ लोगों पर ही किया जाएगा।
जानवरों पर सफल रहा था ट्रायल
भारत बायोटेक के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष डॉ. कृष्णा एला ने टाइम्स नाउ को बताया कि उनका मानना है कि वैक्सीन SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ काम करेगी। भारत बायोटेक के मुताबिक शुरुआत में इस वैक्सीन की 200 मिलियन शीशियां के लिया काम किया जा रहा है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई यह वैक्सीन ने जानवरों पर ट्रायल के दौरान अच्छे परिणाम दिए थे। लैब में चूहों और खरगोशों पर परीक्षण सफल रहने के बाद अब इंसानों पर ट्रायल किया जा रहा है।
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