इरोम शर्मिला मदर्स-डे पर बनी दो बच्चियों की मां, AFSPA के खिलाफ लड़ी थी लंबी लड़ाई
बेंगलुरु: मानवाधिकार कार्यकर्ता और मणिपुर की 'आयरन लेडी' के रूप में प्रसिद्ध इरोम शर्मिला को मदर्स-डे पर बड़ा तोहफा मिला। इरोम शर्मिला ने रविवार को बेंगलुरु के अस्पताल में दो जु़ड़बा बच्चियों को जन्म दिया। 44 साल की इरोम शर्मिला ने साल 2017 में ब्रिटेन के डेसमंड कोटिन्हो से शादी की थी। डेसमंड कोटिन्हो और शर्मिला ने अपने बच्चों का नाम निक्स शाखी और ऑटम तारा रखा है।
'मेरे लिए नई शुरुआत'
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए शर्मिला ने कहा कि ये मेरे लिए नई जिंदगी है। मेरे लिए नई शुरुआत है। डेसमंड और मेरी कोई पसंद नहीं थी। हम बस स्वस्थ बच्चे चाहते थे। मेरी बेटिंया मदर्स डे के दिन आई है, इसलिए मैं दोगुनी खुश हूं। मुझे लगता है कि ये खास है।
16 साल तक अफस्पा के खिलाफ किया संघर्ष
इरोम शर्मिला ने मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम ( AFSPA) को वापस लेने की मांग को लेकर 16 साल की भूख हड़ताल की थी। लेकिन 9 अगस्त साल 2016 को उन्होंने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली थी। उन्होंने भूख हड़ताल तोड़ते समय कहा था कि वो मणिपुर की मुख्यमंत्री बनना चाहती है ताकि वह विवादास्पद अफ्सपा को निरस्त कर सके।
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2017 में मणिपुर के सीएम के खिलाफ लड़ा चुनाव
अपनी भूख हड़ताल खत्म करने के बाद इरोमा ने साल 2017 में मणिपुर के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खिलाफ थौबल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन इस चुनाव में उन्हें मात्र 90 वोट मिले। इस सीट पर 27,271 लोगों ने वोट दिया था। उन्होंने पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस अलायंस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस साल के शुरूआत में जब उनसे लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि राजनीति उनके लिए नहीं है।
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