Human Hair: खाने में मिलते ही स्वास्थ्य के लिए जानलेवा हो जाते हैं बाल!
बेंगलुरू। अक्सर घरों और होटलों में खाना खाते वक्त ह्यूमन हेयर्स का दिखना आम बात है, लेकिन ह्यूमन हेयर जानलेवा भी साबित हो सकते हैं, यह सुनकर किसी के लिए भी चौंकना स्वाभाविक हैं। ह्यूमन हेयर मुंह में आते ही पूरे शरीर में सिरहन सी दौड़ जाती है और कई लोग तो उल्टी कर बैठते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि ह्यूमन हेयर खानों के जहरीला भी बना देते हैं, जिसको खाने से खानेवाला व्यक्ति जानलेवा बीमारियों से घिर सकता है। जी हां, यह बिल्कुल सच हैं। यह बात अभी भले ही छोटी लग रही है, लेकिन नजरंदाज करके एक बेहद गंभीर समस्या को जन्म दे सकते हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक ह्यूमन हेयर कैरोटीन नामक एक प्रोटीन निर्मित होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। मतलब कई रोगों को जन्म दे सकते हैं। इनमें थ्रोट इंफेक्शन, फंगल इंफेक्शन, टाइफॉइड, कॉलेरा और पीलिया जैसी बीमारियां शामिल है। यही नहीं, ह्यूमन हेयर में पाए जाने वाले स्टाफ ऑरिस नामक बैक्टीरिया अगर खाने में पहुंच जाए, तो न केवल यह बैक्टीरिया पूरे शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि इसकी वजह से जान जोखिम में भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों द्वारा किए शोध से यह साबित हो चुका है कि ह्यूमन हेयर में मौजूद स्टाफ ऑरिस नामक बैक्टीरिया ह्यूमन शरीर के लिए जानलेवा हो सकते हैं।
फूड एंड हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक ह्यूमन हेयर को खाद्य पदार्थों से पकाए जाने से कई माइक्रोऑर्गेनिज्म पैदा होते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NIST) द्वारा किए गए एक रिसर्च में भी पाया गया कि ह्यूमन हेयर्स में कई टॉक्सिक कैमिकल मौजूद होते हैं, जो मनुष्य के इंटरनल सिस्टम को नुकसान पहुंचाने ते लिए काफी हैं। यही वजह है कि द फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथेरिटी ऑफ इंडिया ने फूड हइजिन को लेकर गाइडलाइन जारी की हैं।
FSSAI द्वारा होटलों के लिए जारी गाइड लाइन में कहा गया है कि होटलों के खाने में बालों को गिरने से बचाने के लिए कुक को कैप, ग्लव्ज और नेट पहनना जरूरी है। हालांकि भारत में तो स्कल कैप्स और ग्लव्स का ही ट्रेंड है, जबकि अन्य देशों में दाढ़ी और मूछों पर भी नेट पहनने जरूरी बनाया गया है ताकि खान बनाते समय दाढ़ी और मूंछ के बाल गिरकर खाने में न मिल जाएं। भारत में अभी फिलहाल मूंछों और बालों में नेट पहनने का निर्देश नहीं जारी किया गया है, जो कि बदलते समय के साथ बेहद जरूर हो गया है।
मौजूदा दौर में मोबाइल एप जोमैटो और स्विगी से युवाओं में होटलों से लंच, डिनर और ब्रेकफास्ट मंगवाने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। यह प्रचलन शहर में ही नहीं, सेमी अर्बन इलाकों में भी तेजी पैर पसार रहा है। ऐसे में FSSAI को फूड सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन पर तुंरत विचार करना चाहिए, जो न केवल स्वाद खराब करते हैं बल्कि स्वास्थ्य को भी खराब करने में योगदान कर देते हैं।
माना जाता है कि ह्यूम हेयर मन और तन दोनों के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। अगर आपने समय रहते और खाने से पहले खाने में मौजूद ह्यूमन हेयर को देख लिया तो पूरे शरीर में सिरहन दौड़ जाती है, जिससे मन पूरी तरह से खाने को लेकर विमुख हो जाता है। कई लोगों को तो खाने में ह्यूमन हेयर देखकर उल्टियां और दस्त भी शुरू हो जाते हैं। ऐसी स्थिति को चिकित्सीय भाषा में रीहाइड्रेशन कहा जाता है।
खाने में मौजूद ह्यूमन हेयर अगर मुंह के अंदर चला गया तो यह शरीर के भीतर पहुंचकर आंतरिक नुकसान पहुंचाते हैं, जो भोजन के जरिए शरीर में पहुंचकर सूक्ष्मजीवों को जन्म देते हैं, जो बाद में शरीर में गंभीर बीमारियों के जन्म देने की कारक बनती हैं। क्योंकि ह्यूमन हेयर पर इस्तेमाल किए जाने वाले तेल, पसीने, शैंपू और बाल रंगने वाले डाई के अवशेष खाद्य पदार्थ में पहु्ंचते ही रोगजनक सूक्ष्म जीवों के जन्म देते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूड ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी और डवलेपमेंट स्टडीज, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट कहती है कि ह्यूमन हेयर के अवशेष असंख्य जहरीले रसायन मौजूद होते हैं, जिनके खाद्य पदार्थों में पहुंचने से खाद्य पदार्थ खाने लायक बिल्कुल नहीं रह जाते हैं, क्योंकि ह्यूमन हेयर में मौजूद जहरीले असंख्य केमिकल खानों में आसानी से घुल जाते हैं और खाने वाले व्यक्ति को बीमार करने के लिए काफी होते हैं।
सामान्यतया खाने में ह्यूमन हेयर देखकर ही लोगों को उल्टी आनी शुरू हो जाती है, लेकिन ह्यूमन हेयर के जरिए लोगों में दाद और फंगल संक्रमण का भी खतरा उत्पन हो सकता है, जिससे उबरने में बहुत मुश्किल होती है। इनमें सबसे खतरनाक स्टाफ ऑरिस बैक्टीरिया का संक्रमण का माना गया है, जो त्वचा और बालों के साथ जानवरों के नाक और गले में भा पाया जाता है।
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