AMU-BHU से हिंदू, मुस्लिम शब्द हटाने पर प्रकाश जावड़ेकर का बड़ा बयान
नई दिल्ली। जिस तरह से यूजीसी कमेटी की एक समिति ने इस बात की सिफारिश की है कि एएमयू से मुस्लिम शब्द और बीएचयू से हिंदू शब्द हटाना चाहि क्योंकि यह विश्वविद्यालय के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को नहीं दर्शाती है। उसके बाद लगातार इस मुद्दे पर बहस छिड़ी है। लेकिन इस पूरी बहस पर आखिरकार केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विराम लगाते हुए कहा कि ना तो बीएचयू से हिंदू शब्द हटेगा और ना ही एएमयू से मुस्लिम शब्द हटेगा। उन्होंने कहा कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है कि इन शब्दों को हटाया जाएगा। ना सिर्फ प्रकाश जावड़ेकर बल्कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इस सिफारिश को सिरे से खारिज कर दिया है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जिस समिति ने इस बात की सिफारिश की है वह इस समिति की मैंडेट का हिस्सा नहीं है। उन्होंने साफ किया है कि हमारा बीएचयू से हिंदू शब्द और एएमयू से मुस्लिम शब्द हटाने का कोई इरादा नहीं है। आपको बता दें कि यूजीसी की समिति का गठन 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए किया गया था, समिति ने अपनी सिफारिशें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की ऑडिट रिपोर्ट में दी है। समिति के एक सदस्य ने कहा कि केंद्र के फंड पर जो संस्थान चलते हैं उन्हें धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए , लिहाजा हिंदू और मुस्लिम जैसे शब्द इसके अनुरूप नहीं हैं।
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यूजीसी की कमेटी में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी (उत्तराखंड), सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, यूनिवर्सिटी ऑफ त्रिपुरा और हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी (मध्य प्रदेश) शामिल है। समिति की सिफारिशों का खुद मुख्तार अब्बास नकवी ने भी विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इन नामों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि तमाम संस्थान ऐसे हैं जिनके नाम हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन धर्म से जुड़े हैं, ऐसे में अगर इनके नाम को बदला जाए तो क्या ये संस्थान धर्मनिरपेक्ष हो जाएंगे।