School Reopen News: स्कूल खोलने को लेकर हुई केंद्र की बैठक, जानिए क्या बात हुई
नई दिल्ली। देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों के बीच स्कूल और कॉलेज खोले जाने पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जहां कॉलेज के छात्र फाइनल ईयर की परीक्षा को लेकर कन्फ्यूज हैं, तो वहीं स्कूली छात्रों को भी नहीं पता कि उनके स्कूल दोबारा कब खोले जाएंगे। फिलहाल फाइनल ईयर की परीक्षा मामले में अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। इसपर अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी। इन दोनों ही मामलों में सोमवार को मानव संसाधन विकास संसदीय स्थायी समिति की बैठक हुई है।
2020 नहीं होगा जीरो अकैडमिक ईयर
सूत्रों के मुताबिक बैठक में कॉलेजों को लेकर ये फैसला हुआ है कि साल 2020 को जीरो अकैडमिक ईयर (Zero Academic Year) घोषित नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही फाइनल ईयर की परीक्षाएं भी ली जाएंगी। ये परीक्षाएं सितंबर में होंगी या फिर नहीं, इसपर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि परीक्षाएं इस साल के अंत तक जरूर ली जाएंगी। इसके अलावा दिल्ली और महाराष्ट्र सरकारों ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते फाइनल ईयर की परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी से दोनों सरकारों के एफिडेविट का जवाब देने को कहा है।
ऑनलाइन क्लासेस पर हुई बात
अब बात करते हैं स्कूलों की। इस बैठक में स्कूल खोले जाने पर भी चर्चा की गई है, लेकिन इस मामले में अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। यानी स्कूल अब भी बंद ही रहेंगे। इस दौरान स्कूलों की ऑनलाइन क्लास को लेकर भी विचार विमर्श किया गया, जिसमें ये सिफारिश की गई कि तीसरी कक्षा तक के छात्रों की ऑनलाइन क्लास ना ली जाएं। वहीं तीसरी कक्षा से लेकर सातवीं कक्षा तक छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस का समय भी सीमित किया जाए, यानी ये क्लासेस सीमित समय में ली जाएं। साथ ही कक्षा 8वीं और 12वीं तक शेड्यूल के अनुसार ऑनलाइन क्लासेस ली जाएं।
चरणबद्ध तरीके से खुल सकते हैं स्कूल
जानकारी के मुताबिक कहा ये भी कहा जा रहा है कि अगले महीने यानी सितंबर से अगर स्कूल खोले जाते हैं, तो वहां वायरस से बचाव के लिए सभी उपायों को अपनाना जरूरी होगा। स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जा सकता है। इस संबंध में केंद्र सरकार अगस्त के अंत तक दिशा निर्देश जारी कर सकती है। वहीं शुरुआत में 10वीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं को शुरू किया जा सकता है और इसके बाद छोटी कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खुलेगें। साथ ही स्कूलों में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कैसे होगा, इसपर भी राज्य सरकारें ही कोई अंतिम फैसला लेंगी।