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क्या आप जानते हैं चेन्नई के हालातों के लिए जिम्मेदार है आपकी कार
नई दिल्ली। कार, अब एक शान की सवारी से ज्यादा जरूरत की सवारी में तब्दील हो गई है। हर किसी को अपनी-अपनी सुविधाओं के हिसाब से कार की जरूरत महसूस होने लगती है। कार आ जाती है और फिर रोजाना उसका प्रयोग शुरू हो जाता है। आपकी यह जरूरत अब पर्यावरण का काल बन गई है और ग्लोबल वॉर्मिंग की कुछ बड़ी वजहों में तब्दील हो गई है।
कार और ग्लोबल वॉर्मिंग
आज हम आपको कार और ग्लोबल वॉर्मिंग के इसी कनेक्शन के बारे में बताते हैं। इसे पढ़िए और सोचिए कि कहीं आप तो ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए जिम्मेदार नहीं बनते जा रहे हैं।
कार से निकलती है कार्बन डाई ऑक्साइड
- कार्बन डाई ऑक्साइड को वातावरण में ग्रीनहाउस इफेक्ट के लिए जिम्मेदार मानाता है।
- ग्रीनहाउस इफेक्ट धरती की सतह पर मौजूद गर्मी को सोख लेता है।
- कार्बन डाई ऑक्साइड सूरज की रोशनी में कुछ अवरोधक बनती है।
- माहौल में गर्मी पैदा होती है, धरती का तापमान बढ़ता है और समंदर के स्तर भी बढ़ता है।
- वातावरण में जितनी कार्बन डाई ऑक्साइड होगी उतनी ज्यादा गर्मी बढ़ेगी।
- मौसम विज्ञानियों ने कार्बन डाई ऑक्साइड के बढ़ते स्तर और ग्लोबल वॉर्मिंग को आपस में जोड़ा है।
- मौसम के बढ़ते तापमान का असर रोजाना के मौसम पर पड़ रहा है।
- इसका नतीजा है कि आप आज मौसम के बारे में कुछ भी अनुमान नहीं लगा सकते हैं।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी वजह से आने वाले वर्षों में समंदर का स्तर बढ़ेगा।
- इसकी वजह से और तूफान आएंगे और गर्म हवाओं में इजाफा होगा।
कार और ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज
- कार से मिथेन, निट्रस ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें निकलती हैं।
- साथ ही कुछ हिस्सा हाइड्रोफ्लोरोकार्बन का भी होता है।
- एक गैलन गैस जलने पर 20 पौंड कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जित होती है।
- एवरेज कार प्रतिवर्ष करीब छह टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जित करती है।
- प्रति किमी यह आंकड़ा 170 ग्राम कार्बन डाई ऑक्साइड है।
- 2000 किमी पर 340 किलोग्राम कार्बन डाई ऑक्साइड वातावरण में घुलती है।
- अमेरिका में वर्ष 1990 से वर्ष 2007 के बीच परिवहन के साधनों की वजह से वातावरण पर असर पड़ा।
- इन 17 वर्षों में 29 प्रतिशत तक जहरीली गैंसे वातावरण में घुली थीं।
- वर्ष 2012 में अमेरिका में करीब 1,511 मिट्रिक टन काबर्न डाई ऑक्साइड वातावरण में पहुंची।
- एनवॉयरमेंट प्रोटेक्शन एनर्जी के मुताबिक इन 17 वर्षों ने मौसम को नुकसान पहुंचाने में बड़ा रोल अदा किया।
- कार से होने वाला प्रदूषण क्लाइमेट चेंज की अहम वजहों में से एक है।
- इस प्रदुषण की वजह से वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों को निर्माण हुआ।
- जैसे-जैसे माहौल में यह गैस उत्पन्न होती हैं, माहौल में गर्मी पैदा होती है।
- इस गर्मी की ही वजह से क्लाइमेट चेंज होता है।
- डीजल कारों से कम कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जित होती है।
- लेकिन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इन्हें खतरनाक करार दिया है।
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक डीजल की कार से 25 से 400 गुना तक ब्लैक कार्बन निकलता है इसे सुट कहते हैं।
- ब्लैक कार्बन वातावरण में कुछ दिनों तक मौजूद रहता है और क्लाइमेट चेंज को प्रभावित करता है।
- इसकी वजह से ही आपको सांस लेने में दिक्कतें होती हैं।
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English summary
Diesel and gasoline powered vehicles produced 1,511 million metric tons of CO2 in 2012, about 29 percent of all energy-related carbon dioxide emissions in the US. Average car emits about six tons of carbon dioxide every year.
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