अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर पर कितना आएगा खर्च? कब तक बनकर होगा तैयार? जानिए
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नई दिल्ली। देश के सबसे चर्चित मामलों में से एक अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला विराजमान को देने फैसला सुनाया। इसके अलावा कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, केंद्र सरकार तीन महीने के भीतर मंदिर निर्माण के लिए योजना तैयार करेगी। इसके लिए बोर्ड ऑफ ट्रस्टी का गठन किया जाएगा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये चर्चा तेज हो गई है कि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का स्वरूप कैसा होगा और ये कितने समय में बनकर तैयार हो जाएगा, साथ ही इसपर कितना खर्च आएगा। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद ने 30 साल पहले, गुजरात के आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा से राम मंदिर का मॉडल बनवाया था।
चंद्रकांत भाई ने तैयार किया है मॉडल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंद्रकांत भाई ने अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के डिजाइन का खुलासा किया। ये मंदिर नागर शैली में बना अष्ट कोणीय होगा। इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा। चंद्रकांत भाई ने बताया कि राममंदिर का डिजाइन बेहद खास है। इस मंदिर की परिक्रमा वृत्ताकार होगी, जबकि गर्भगृह अष्टकोणीय होगा। वहीं, दो मंजिला मंदिर में भूतल पर मंदिर और ऊपरी तल पर राम दरबार होगा।
ढाई-तीन साल में बन जाएगा राम मंदिर
साथ ही इसके खंभों पर देवी-देवताओं की आकृतियां उकेरी जाएंगी। मंदिर परिसर में संत निवास, शोध केंद्र, कर्मचारियों के आवास, भोजनालय आदि होंगे। इस मंदिर की लंबाई 270 मीटर और चौड़ाई 140 मीटर होगी। मंदिर 125 मीटर ऊंचा होगा। इस मंदिर में जाने के लिए पांच दरवाजे होंगे। मंदिर में सिंह द्वार, रंग मंडप, कोली, गर्भगृह होगा। खास बात है कि इस मंदिर के निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसके पीछे तर्क ये है कि जंग लगने के बाद लोहा पत्थरों को कमजोर कर देता है।
मंदिर निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा
इस मंदिर के फर्श में संगमरमर लगाया जाएगा। ये मंदिर 221 पिलर पर खड़ा होगा। मंदिर में आवागमन के लिए 24 द्वार बनाए जाएंगे। बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण में ढाई से तीन साल तक का वक्त लग सकता है। मंदिर के लिए भरतपुर से पत्थर लाए जाएंगे। विश्व हिंदू परिषद ने भारतीय शिल्प शास्त्र के हिसाब से इस मंदिर का निर्माण कराने का फैसला किया है।अष्टकोणीय गर्भगृह होने के कारण ये अन्य मंदिरों से काफी अलग होगा।
40 से 50 करोड़ का खर्च आएगा
चंद्रकांत भाई द्वारा बनाए गए मॉडल को अयोध्या के कारसेवक पुरम में रखा गया है। ये स्थान विश्व हिंदू परिषद का मुख्यालय है। बताया जाता है कि मंदिर बनाने के लिए पत्थरों को तराशने का काम 50 फीसदी पूरा हो चुका है। मंदिर निर्माण के साथ-साथ बाकी पत्थरों को तराशा जाता रहेगा। मंदिर की प्लिंथ में ग्रेनाइट पत्थर लगेगा। इस मंदिर के निर्माण पर 40 से 50 करोड़ का खर्च आएगा। सरयू नदी के समीप बनने वाले इस मंदिर की बुनियाद तैयार करने में करीब 8 माह लगेंगे। इसके बाद पत्थरों को लगाने का काम शुरू किया जाएगा। बताया जाता है कि अगर 2000 कारीगर रोजाना 10-10 घंटे काम करेंगे तो मंदिर ढाई साल से तीन साल में पूरा बन जाएगा।