हार के बाद पश्चिम में मचा शोर कम हो गई पीएम मोदी की चमक
नई दिल्ली। बिहार के नतीजे जहां बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़े झटके की तरह हैं तो वहीं विदेशों में भी इसका जिक्र हो रहा है। ब्रिटेन, अमेरिका और पाकिस्तान में इस पर खासतौर पर चर्चा हो रही है।
पीएम मोदी अगले सप्ताह अपनी यूके की विजिट शुरू करने वाले हैं और उससे पहले यह नतीजे उनके लिए नकारात्मक माहौल तैयार कर सकते हैं।
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गार्जियन- मोदी की अपील कम असरदार
ब्रिटेन के न्यूजपेपर द गार्जियन ने लिखा है, 'हार घरेलू स्तर पर पीएम मोदी के लिए बड़ा झटका है।' गार्जियन ने साफ-साफ लिखा है कि इससे साबित होता है कि पीएम मोदी की अपील अब वोटर्स के बीच उतनी असरकारक नहीं रही, जितना कि पिछले वर्ष तक हुआ करती थी। वोट जीतने की ताकत अब कम होती नजर आ रही है।
बीबीसी-आर्थिक सुधारों पर जनादेश
बीबीसी ने लिखा है कि रविवार को वर्ष 2014 में पीएम मोदी को मिली जीत के बाद बिहार में मिली हार आर्थिक सुधारों पर दिया गया जनादेश है। गार्जियन की तरह बीबीसी ने नतीजों को सत्ताधारी दल के लिए बड़ा झटका माना है।
बीबीसी के मुताबिक 105 मिलियन की आबादी वाले इस राज्य में पीएम मोदी जो कि एक हिंदु राजनेता हैं और जो अब तक केंद्र में मजबूत हैं, उनके लिए यह नतीजे एक बड़ा इशारा करते हैं।
क्यों पीएम नहीं सीएम नीतीश बने जनता की आंखों का तारा
न्यूयॉर्क टाइम्स-जनता का फैसला
अमेरिकी न्यूजपेपर न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए रविवार का दिन एक बड़े झटके की तरह साबित हुआ जब बिहार में जनता ने अपना नतीजा सुनाया।
कैसे नीतीश बने बिहार के चाणक्य
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक भारत के तीसरे सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में हुए चुनावों में जनता ने पीएम मोदी की पार्टी को स्वीकार करने के इंकार कर दिया।
सिर्फ 17 माह पीएम मोदी को अपने देश में इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ा। विकास के मुद्दे पर कहीं गई उनकी किसी बात का वोटर्स पर कोई असर नहीं हुआ
वाशिंगटन पोस्ट-नींद से जगाने वाला नतीजा
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मिलकर जिस अमेरिकी अखबार में पीएम मोदी ने एडीटोरियल लिखा था, उसने भी इस हार को प्रमुखता से जगह दी।
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक इस हार के बाद पीएम मोदी के विरोधी और मुखर हो जाएंगे और साथ ही आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें जिस बड़े समर्थन की जरूरत थी, वह भी अब नहीं मिल सकेगा। साथ ही इस हार को पीएम मोदी को नींद से जगाने वाला बताया है।
द
डॉन-संकीर्ण
राष्ट्रवाद
को
तमाचा
पड़ोसी
मुल्क
पाकिस्तान
के
न्यूजपेपर
डॉन
ने
लिखा
है,
'बिहार
का
फैसला
पीएम
मोदी
की
गाय
और
गौमांस
पर
की
गई
राजनीति
का
नतीजा
है।'
उनके
संकीर्ण
राष्ट्रवाद
के
खिलाफ
अब
विपक्ष
को
ताकत
मिल
सकेगी।
द
न्यूज-बड़ा
सबक
पाकिस्तान
के
ही
एक
और
न्यूजपेपर
द
न्यूज
की
मानें
तो
बिहार
की
हार
पीएम
मोदी
के
लिए
एक
बड़ा
सबक
है
जिन्होंने
बिना
रोक-टोक
वाले
चुनावी
अभियान
को
तरजीह
दी
थी।