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Cyclone Fani: अमेरिकी मीडिया ने कहा जानलेवा आपदा से बचने के तरीके ओडिशा से सीखें अमीर देश

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Cyclone Fani: फानी से निपटने के Odisha के तरीके पर फिदा America | वनइंडिया हिंदी

भुवनेश्‍वर। ओडिशा इस समय भयंकर चक्रवात फानी का सामना कर रहा है। फ्लाइट्स कैंसिल हैं और ट्रेन सर्विसेज भी ठप पड़ी हैं। वहीं दुनिया भर के विशेषज्ञ इस तूफान के बाद भारत और खासतौर पर ओडिशा स्थित अथॉरिटीज की तारीफ कर रहे हैं। अमेरिकी अखबार न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने लिखा है कि हाल के कुछ वर्षों में भारत के सबसे गरीब राज्‍य ओडिशा में अब तक का सबसे भयानक तूफान आया है लेकिन यहां की सरकार ने जिस तरह से लोगों को आगाह किया और उन्‍हें निकाला, वह दुनिया के अमीर देशों के लिए एक सबक है। अखबार की मानें तो तूफान से कैसे निबटना है, यह बात आप गरीब देश भारत और यहां के गरीब राज्‍य ओडिशा से सीख सकते हैं।

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लोगों को भेजे गए 26 लाख अलर्ट मैसेज

लोगों को भेजे गए 26 लाख अलर्ट मैसेज

अखबार के मुताबिक लोगों को आगाह करने और यह बताने के लिए अगले कुछ पलों में क्‍या होने वाला है, हर उस इंतजाम को तैनात किया गया, जो सरकार कर सकती थी। सरकार की तरफ से 26 लाख टेक्‍स्‍ट मैसेज भेजे गए, 43,000 वॉलेंटियर्स, 1,000 इमरजेंसी वर्कर्स, टीवी कमर्शियल्‍स, तटीय सायरन, बस, पुलिस ऑफिसर्स और सार्वजनिक सेवाओं से जुड़ा सिस्‍टम, सब कुछ इस तूफान की वजह से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए लगा दिया गया था। एक ही मैसेज को स्‍थानीय भाषा में लिखकर बार-बार भेजा गया और यह एकदम स्‍पष्‍ट शब्‍दों में लोगों को आगाह कर रहा था। मैसेज था, 'एक तूफान आ रहा है और आप लोग सुरक्षिरत जगहों पर तुरंत शरण ले लीजिए।'

अर्ली वॉर्निंग सिस्‍टम की सफल कहानी

अर्ली वॉर्निंग सिस्‍टम की सफल कहानी

इस मैसेज ने प्रभावी तरीके से अपना काम किया। तूफान फानी शुक्रवार की सुबह ओडिशा से टकराया और देखते ही देखते 123 मील प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने लगीं। यह बहुत ही खतरनाक हो सकता था लेकिन शनिवार सुबह तक इस तूफान की वजह से होने वाली मौतों पर अंकुश लगाया जा सका। अभी तक कितना नुकसान हुआ है इस बात को तो कोई अनुमान नहीं है लेकिन सिर्फ कुछ ही लोगों के मारे जाने की खबरें हैं। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की मानें तो यह अर्ली वॉर्निंग सिस्‍टम की सफलता की कहानी है। जिन लोगों पर सबसे ज्‍यादा खतरा था उन्‍हें निकाल लिया गया था।

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एक विकासशील देश की उपलब्धि

एक विकासशील देश की उपलब्धि

विशेषज्ञों की मानें तो यह एक उपलब्धि है खासतौर पर एक गरीब राज्‍य और एक विकासशील देश के लिए निश्चित तौर पर यह एक मील का पत्‍थर का है। पूर्व की आपदाओं को भूलते हुए अब देश में लाखों लोगों को तेजी के साथ सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। अखबार ने पूर्व नेवी ऑफिसर और ऑब्‍जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में मैरिटाइम पॉलिसी के साथ कार्यरत अभिजीत सिंह कहते हैं कि इसकी कल्‍पना किसी ने भी नहीं की थी। यह तूफान बांग्‍लादेश भी पहुंचा है और वहां पर मौतों का आंकड़ा कहीं ज्‍यादा है।

20 वर्ष में बदले हैं हालात

20 वर्ष में बदले हैं हालात

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की मानें तो वहां पर लाखों लोगों को सही समय पर सुरक्षित जगह पर नहीं पहुंचाया सका। 20 वर्ष पहले भारत में यह स्थिति नहीं थी और एक तूफान की वजह से हजारों लोगों की मौत हो गई थी। कई लोगों के घरों पानी भर गया था। कुछ लोगों के शव तो उनके घरों से बहुत दूर पाए गए थे। उस तूफान के बाद ओडिशा की अथॉरिटीज ने तय किया था कि अब इस आपदा से नुकसान नहीं होगा। राज्‍य के स्‍पेशल रिलीफ कमिश्‍नर बिश्‍नुपदा सेठी ने बताया, 'हम इसे लेकर वाकई बहुत गंभीर हैं कि अब किसी की मौत नहीं होनी चाहिए। यह एक दिन या माह का काम नहीं है बल्कि 20 वर्ष लगे यहां तक पहुंचने में।'

रात तक लाखों लोग पहुंचे सुरक्षित जगह

रात तक लाखों लोग पहुंचे सुरक्षित जगह

साल 1999 में पहला कदम लिया गया था और उस समय तटों के करीब सैंकड़ों ऐसे आश्रय स्‍थल बनाए गए जो लोगों को तूफान से बचा सकते थे। राज्‍य की आबादी 46 मिलियन है और इतनी आबादी अकेले स्‍पने की है। औसत आय रोजाना करीब 400 रुपए से भी कम है। यहां के लोगों का मुख्‍य व्‍यवसाय खेती है। गुरुवार की सुबह ओडिशा की सरकार ने एक पांच पेज का एक्‍शन प्‍लान रिलीज कर दिया था। इसमें सबसे अहम था लोगों को शेल्‍टर्स तक पहुंचाना था। ओडिशा पहले भी कई तूफान का सामना कर चुका है, इसके बाद भी ऑफिसर्स ने कई बार इवैक्‍यूएशन प्‍लान को पढ़ा और हर बार इसमें बदलाव किए गए थे। रात होते-होते सभी लोग शेल्‍टर्स तक आ गए थे। शुक्रवार की सुबह तूफान ने ओडिशा में दस्‍तक दी थी।

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English summary
New York Times has thrown lights upon how Indian authorities have responded the Cyclone Fani.
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